गर्मी आई और जगह जगह दिल्ली के फुटपाथों पर तरबूजों की दुकानें सज जाती हैं. तरबूज बेचने वाले यह कलाकार यू पी के शहरों से आते है. मेरे घर के सबसे पास जो तरबूज वाला है वह बरेली से आया है. बरेली जहाँ से प्रियंका चोपड़ा आई है.
मैं सुबह घूमने जाता हूँ. यह तरबूज वाला रास्ते में पड़ता है. वह नारियल भी बेचता है. मेरी उसकी जान पहचान नारियल की बजह से हुई. एक नारियल का मीठा पानी मन को ताजा कर देता है. इस पानी में मिलावट भी नहीं की जा सकती. ऐसा कह कर में मिलावट करने वाले कलाकारों को चेलेंज नहीं कर रहा हूँ. में जानता हूँ कि जिस दिन उनकी नजर नारियल पानी पर पड़ गई, यह पानी भी पीने लायक नहीं रहेगा. भारतीय मिलावटखोरों का मुकाबला कोई नहीं कर सकता. जब तक यह पानी बिना मिलावट के मिल रहा है पी लिया जाए.
हाँ तो में कहकर रहा था कि यह तरबूज वाला बरेली से आया है. मैंने पूछा कि इतनी दूर कैसे आए. उसने फिलासफी झाड़ दी. जनाब यह रोटी का मामला है. रोटी गोल होती है. इस गोल रोटी का जुगाड़ करने के चक्कर में आदमी सारी जिंदगी गोल-गोल घूमता रहता है. कुछ लोग अपने घर-गाँव में ही रोटी का जुगाड़ कर लेते हैं, और कुछ को दूसरी जगहों पड़ जाना पड़ता है. यह गोल रोटी नहीं मिली तो आदमी इस दुनिया से ही गोल जायेगा. बात में उसकी सच्चाई थी इस लिए मेने सर हिला दिया. बैसे आज कल चौकोर रोटी का काफ़ी चलन हो गया है. पर डबल रोटी को बीच में ला कर मेने उसकी गोल रोटी के महत्त्व को कम करना उचित नहीं समझा.
दिन में यह तरबूज वाले दूकान सजाते हैं.
रात में दूकान समेट कर वहीं सो जाते हैं. खाना भी वह फुटपाथ पर ही बनाते हैं. मचछरों से बचने के लिए मचछरदानी लगाते हैं , दिल्ली में कुछ दिनों से लगभग रोज रात में आंधी आ जाती है या बारिश हो जाती है. यह उस से किस तरह बचते हैं इस के लिए आप कुछ तस्वीरें देखें.
जून तक रहेंगे यह तरबूज वाले दिल्ली में. उसके बाद यह घर चले जायेंगे और मेरा सुबह का नारियल पानी बंद हो जायेगा.
हर व्यक्ति कवि है. अक्सर यह कवि कानों में फुसफुसाता है. कुछ सुनते हैं, कुछ नहीं सुनते. जो सुनते हैं वह शब्द दे देते हैं इस फुसफुसाहट को. एक और पुष्प खिल जाता है काव्य कुञ्ज में.
दैनिक प्रार्थना
हमारे मन में सबके प्रति प्रेम, सहानुभूति, मित्रता और शांतिपूर्वक साथ रहने का भाव हो
दैनिक प्रार्थना
है आद्य्शक्ति, जगत्जन्नी, कल्याणकारिणी, विघ्न्हारिणी माँ,
सब पर कृपा करो, दया करो, कुशल-मंगल करो,
सब सुखी हों, स्वस्थ हों, सानंद हों, दीर्घायु हों,
सबके मन में संतोष हो, परोपकार की भावना हो,
आपके चरणों में सब की भक्ति बनी रहे,
सबके मन में एक दूसरे के प्रति प्रेम भाव हो,
सहानुभूति की भावना हो, आदर की भावना हो,
मिल-जुल कर शान्ति पूर्वक एक साथ रहने की भावना हो,
माँ सबके मन में निवास करो.
सब पर कृपा करो, दया करो, कुशल-मंगल करो,
सब सुखी हों, स्वस्थ हों, सानंद हों, दीर्घायु हों,
सबके मन में संतोष हो, परोपकार की भावना हो,
आपके चरणों में सब की भक्ति बनी रहे,
सबके मन में एक दूसरे के प्रति प्रेम भाव हो,
सहानुभूति की भावना हो, आदर की भावना हो,
मिल-जुल कर शान्ति पूर्वक एक साथ रहने की भावना हो,
माँ सबके मन में निवास करो.
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