उत्तर प्रदेश में जे पी नगर जिला मुख्यालय से १८ किलोमीटर दूर बसा एक छोटा सा गांव है बावनखेड़ी. अमरोहा से हसनपुर मार्ग वाली सड़क पर 8 किलोमीटर की दूरी पर बसा है यह गाँव. इस गाँव में रहते थे शौकत. आठ सदस्यों के उनके परिवार में थी उन की बेटी शबनम. बहुत प्यार करते थे वह अपनी एकलौती बेटी से. अंग्रेजी में एम् ऐ कराया था उसे. एक रात इस बेटी ने अपने प्रेमी के साथ मिलकर अपने परिवार के सब सदस्यों की गर्दनें काट डाली. पिता से शुरू किया उस ने. बाल पकड़ कर वह गर्दन उठाती और उस का प्रेमी कुल्हाडी से गर्दन काट देता. छोटे भतीजे को उस के प्रेमी ने गला दबाकर मारा. प्रेमी के जाने के बाद बच्चा रोने लगा. शायद गला पूरी तरह दबा नहीं. वहशी बनी शबनम ने ख़ुद ही उस का गला तब तक दबा कर रखा जब तक तड़प तड़प कर वह शांत नहीं हो गया.
एक शिक्षित, शांतिप्रिय और पैसे वाले परिवार की इस बेटी का एक युवक से प्रेम हो गया. न जाने दोनों के बीच क्या तय हुआ कि बेटी वहशी बन गई. प्लान बनाया और जिस दिन घर के सब सदस्य घर पर थे प्लान को अंजाम दे दिया. भरा पूरा, हँसता खेलता घर कब्रिअतान बन गया. एक बेटी ने मारा और दफ़न कर दिया - शौकत, उनकी बीबी हाश्मी, दो जवान बेटे राशिद और अनीस, अंजुम, राबिया तथा मासूम अर्श.
यह कैसा प्यार है? यह प्यार है या वहशीपन? जो बाप 'बाबा' की आवाज सुनते ही दौड़ा चला आता था, उसी के बाल पकड़ कर गर्दन ऊपर उठाना और अपने प्रेमी से कहना 'चल काट गर्दन'. जिस माँ ने ९ महीने अपने पेट के अन्दर रखा उसकी गर्दन काट देना. भगवान् ऐसी बेटी किसी को न दे. गाँव वाले उसे डायन, जहरीली नागिन, बेटी के नाम पर कलंक पुकार रहे हैं. मैं पिछले दिनों अपने गाँव गया था तब इस घटना का पता चला. अन्दर तक दहल गया मैं.
हर व्यक्ति कवि है. अक्सर यह कवि कानों में फुसफुसाता है. कुछ सुनते हैं, कुछ नहीं सुनते. जो सुनते हैं वह शब्द दे देते हैं इस फुसफुसाहट को. एक और पुष्प खिल जाता है काव्य कुञ्ज में.
दैनिक प्रार्थना
हमारे मन में सबके प्रति प्रेम, सहानुभूति, मित्रता और शांतिपूर्वक साथ रहने का भाव हो
दैनिक प्रार्थना
है आद्य्शक्ति, जगत्जन्नी, कल्याणकारिणी, विघ्न्हारिणी माँ,
सब पर कृपा करो, दया करो, कुशल-मंगल करो,
सब सुखी हों, स्वस्थ हों, सानंद हों, दीर्घायु हों,
सबके मन में संतोष हो, परोपकार की भावना हो,
आपके चरणों में सब की भक्ति बनी रहे,
सबके मन में एक दूसरे के प्रति प्रेम भाव हो,
सहानुभूति की भावना हो, आदर की भावना हो,
मिल-जुल कर शान्ति पूर्वक एक साथ रहने की भावना हो,
माँ सबके मन में निवास करो.
सब पर कृपा करो, दया करो, कुशल-मंगल करो,
सब सुखी हों, स्वस्थ हों, सानंद हों, दीर्घायु हों,
सबके मन में संतोष हो, परोपकार की भावना हो,
आपके चरणों में सब की भक्ति बनी रहे,
सबके मन में एक दूसरे के प्रति प्रेम भाव हो,
सहानुभूति की भावना हो, आदर की भावना हो,
मिल-जुल कर शान्ति पूर्वक एक साथ रहने की भावना हो,
माँ सबके मन में निवास करो.
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3 comments:
ye pyaar nahi hai.....ye kuch aor hai....
सुरेश जी, आप हमारे ब्लाग पर पधारे। धन्यवाद।
धन्यवाद, आपकी टिप्पणी के लिये।
आपने ‘बावनखेड़ी नरंसहार’ को अपने ब्लाग पर लिखा। दरअसल यह नरंसहार हमारे क्षेत्र में ही हुआ था। आपने मुरादाबाद जिला मुख्यालय लिखा है, जो सही नहीं है। बावनखेड़ी उ.प्र. के जिला ज्योतिबा फुले नगर (जे.पी. नगर) के हसनपुर तहसील का एक गांव है। जिला मुख्यालय अमरोहा है जिससे इसकी दूरी 18 किलोमीटर है। अमरोहा से हसनपुर मार्ग वाली सड़क पर बसा है यह गांव। हसनपुर तहसील से मात्र 8 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है।
मैंने ‘बावनखेड़ी नरसंहार’ पर अपने ब्लाग ‘http://gajrolalive.blogspot.com’ पर काफी लिखा है। इसके अलावा नरंसहार के बारे में और विस्तार से जानने के लिये आप ‘http://samachar18.blogspot.com’ पर जा सकते हैं।
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