दैनिक प्रार्थना

हमारे मन में सबके प्रति प्रेम, सहानुभूति, मित्रता और शांतिपूर्वक साथ रहने का भाव हो


दैनिक प्रार्थना

है आद्य्शक्ति, जगत्जन्नी, कल्याणकारिणी, विघ्न्हारिणी माँ,
सब पर कृपा करो, दया करो, कुशल-मंगल करो,
सब सुखी हों, स्वस्थ हों, सानंद हों, दीर्घायु हों,
सबके मन में संतोष हो, परोपकार की भावना हो,
आपके चरणों में सब की भक्ति बनी रहे,
सबके मन में एक दूसरे के प्रति प्रेम भाव हो,
सहानुभूति की भावना हो, आदर की भावना हो,
मिल-जुल कर शान्ति पूर्वक एक साथ रहने की भावना हो,
माँ सबके मन में निवास करो.

Thursday 12 August, 2010

आजादी की सालगिरह !!!

डरी-डरी, सहमी-सहमी सी,
सालगिरह आजादी की,
जश्न मनेगा लाल किले पर,
आगे-पीछे, दायें-बांयें, ऊपर-नीचे,
खोजी आँखें, खोजी कुत्ते,
अन्दर दुश्मन, बाहर दुश्मन,
कुर्सी से आजाद नहीं जो,
भाषण देंगे आजादी पर,
नपा तुला हर शब्द कहेंगे,
वोट बेंक की तिकड़म-विकड़म,
कोई भी आजाद नहीं है,
क्या जनता और क्या सरकार,
छोड़ो यार मंगाओ बोतल,
आओ गलत करें गम अपना,
खा गई रविवार की छुट्टी,
आजादी की सालगिरह यह.