दैनिक प्रार्थना

हमारे मन में सबके प्रति प्रेम, सहानुभूति, मित्रता और शांतिपूर्वक साथ रहने का भाव हो


दैनिक प्रार्थना

है आद्य्शक्ति, जगत्जन्नी, कल्याणकारिणी, विघ्न्हारिणी माँ,
सब पर कृपा करो, दया करो, कुशल-मंगल करो,
सब सुखी हों, स्वस्थ हों, सानंद हों, दीर्घायु हों,
सबके मन में संतोष हो, परोपकार की भावना हो,
आपके चरणों में सब की भक्ति बनी रहे,
सबके मन में एक दूसरे के प्रति प्रेम भाव हो,
सहानुभूति की भावना हो, आदर की भावना हो,
मिल-जुल कर शान्ति पूर्वक एक साथ रहने की भावना हो,
माँ सबके मन में निवास करो.

Friday 26 February, 2010

होली आई, होली आई

होली आई, होली आई,
रंग बिरंगी होली आई,

किशिता की तैयारी पूरी,
सिया की तैयारी पूरी,
नया रंग और नई पिचकारी,
गुब्बारे और लाल गुलाल,
होली आई, होली आई.

दही बड़े, आलू की चाट,
कचरी, पापड़ और समोसे,
सबने मिलकर दादी के संग,
मावे की गुझिया बनबाई,
गन्ने और गेहूं की बालें,
होली आई, होली आई,

लकड़ी उपले घास फूस से,
चौराहे पर बनी होलिका,
नफरत और बुराई को सब,
आओ मिल कर साथ जलाएं,
नाचे गांए ख़ुशी मनाएं,
होली आई, होली आई,

Monday 22 February, 2010

क्या जलाओगे इस होली पर?

वर्मा जी ने पत्रकारिता शुरू की,
पहला प्रोजेक्ट होली पर,
लोगों से एक सवाल पुछा,
क्या जलाओगे इस होली पर?
जो जवाब मिले देखिये,
आतकंवादी - लोगों के बीच प्रेम,
सास - छोटे बेटे की बहू,
राजनीतिबाज - जनता का धन,
अध्यापक - बच्चों का भविष्य,
पत्नी - पति का बटुआ,
पति - पत्नी के गले का हार,
वकील - क्लाइंट के घर की ख़ुशी,
मैं - लोगों के बीच नफरत.