कहते हैं अच्छा पड़ोसी भाग्य से मिलता है. मैंने अपने जीवन में इसे चरितार्थ होते देखा है. पर सब कुछ भाग्य पर ही निर्भर नहीं करता. कुछ प्रयत्न अपनी और से भी करना पड़ता है. आप चाहते हैं कि आपके पड़ोसी अच्छे हों. ऐसा ही आपके पड़ोसी भी चाहते हैं. आप के पड़ोसी अच्छे हों इसके लिए यह जरूरी है कि आप ख़ुद एक अच्छे पड़ोसी बनें. हमारे पड़ोसी अच्छे हों और हम उनकी नाक में दम किए रहें, ऐसा सम्भव नहीं है. अपने आप से एक सवाल पूछिये - 'क्या आप अच्छे पड़ोसी हैं?'. देखिये क्या जबाब मिलता है? अगर जवाब 'नहीं' में मिलता है तब आपको कुछ करना चाहिए.
आज कल अधिकांश लोग अपार्टमेंट्स में रहते हैं जहाँ ज्यादातर फ्लेट्स एक दूसरे से सटे हुए होते हैं. इस तरह के फ्लेट्स में मिल जुल कर रहना आवश्यक है. साझा जगहों का सही इस्तेमाल जरूरी है. इस बात का ध्यान रखना जरूरी है कि आपके किसी काम से आपके पड़ोसियों को कोई असुविधा न हो. रेडियो, टी वी, म्यूजिक सिस्टम इस्तेमाल करते समय इस बात का ध्यान रखें कि आवाज ज्यादा न हो. ज्यादा आवाज पड़ोसियों को परेशान कर सकती है. यदि आप कुत्ते पालते हैं तब आपको ज्यादा सावधान रहने की जरूरत है. आप जानवरों से प्रेम करते हैं यह अच्छी बात है. पर पालतू जानवरों से आप के पड़ोसियों को कोई परेशानी न हो इस का पूरा ख्याल रखें. पड़ोस के घरों में बच्चे और बुजुर्ग होते हैं. कुत्तों का बेवक्त भोंकना, इधर-उधर शिट कर देना आपके पड़ोसियों को परेशान करता है.
आप के घर के कचरे के डिस्पोजल की जिम्मेदारी आप की है. इस के लिए सरकार ने नियम भी बनाए हैं. इन नियमों का पालन कीजिये. कचरा जमादार को सोंपिये, जो उसे निगम द्वारा निर्धारित कचरा इकट्ठे करने की जगह पर ले जायेगा. इहर-उधर कचरा फैंक देना ग़लत है. अगर आप नीचे वाली पोस्ट देखें तो आपको पता चलेगा कि कुछ लोग इस मामले में कितने गैर-जिम्मेदार है. यदि आप ब्लाग में और नीचे जाएं तो आपको कुछ फोटो दिखाई देंगे. देखिये किस तरह लोगों ने खुले नाले को कचरा डाल कर कितना गन्दा कर दिया है. नाले से उठती दुर्गन्ध किसे परेशान करती है? नाले में पैदा हुए मच्छर किसे काटते हैं? पार्वा ने गेट पर प्लास्टिक शीट लगवा कर इस गंदगी को छुपाने की कोशिश की है, पर क्या इस से यह गंदगी दूर हो जायेगी? अगर गंदगी को दूर करना है तो हमें कचरा नाले में फैंकना बंद करना होगा.
मैंने अक्सर देखा है कि कुछ लोग दूसरों के दरवाजे पर लगे बल्ब चोरी कर लेते हैं. दूसरों की चिट्ठियां फाढ़ देते हैं. एक सज्जन ने बताया की उनके पम्प का तार किसी ने काट दिया. लोग अपने घरों में कुछ काम करवाते है पर मलवा हफ्तों बाहर पड़ा रहता है. हमें ऐसे ग़लत कामों से बचना चाहिए. अगर हम एक अच्छे पड़ोसी हैं तब हमारे पड़ोसी हम पर गर्व करेंगे. हमारी तारीफ़ करेंगे. पर अगर हमारे कारण उन्हें परेशानी होती है तब वह सब से हमारी शिकायत करेंगे. हम सब यही चाहते हैं कि लोग हमें एक अच्छे पड़ोसी के रूप में जाने. आइये एक अच्छा पड़ोसी बनें. इस में सब का फायदा है. आपातकाल में पड़ोसी ही काम आते हैं. आपके मित्र, नाते रिश्तेदार सब आ जायेंगे आप कि मदद करने पर उन्हें आने में देर लगेगी.कभी-कभी समय बहुत महत्वपूर्ण हो जाता है. आपके पड़ोसी आपकी तुरंत मदद करते हैं. तब आपको महसूस होता है कि एक अच्छा पड़ोसी कितना जरूरी है.
श्री राम को लोग मर्यादा पुरुषोत्तम कहते हैं. आइये देखें कि उन्होंने पड़ोसी धर्म के लिए क्या मर्यादा तय की है. पिता के आदेश पर जब राम बन में गए तो उन्होंने महसूस किया की चौदह वर्षों तक उन्हें बन में रह रहे ऋषि, मुनि और अन्य प्राणियों के पड़ोस में रहना होगा. उन्होंने ऋषि वाल्मीकि से निवेदन किया कि वह उन्हें इस बारे में सलाह दें जिससे उनके कारण किसी ऋषि, मुनि या अन्य किसी प्राणी को कोई असुविधा न हो. राम कितने लंबे समय तक बन में रहे, पर उनके किसी व्यवहार से किसी को कोई असुविधा नहीं हुई. बल्कि उनके बन में रहने से बनवासियों को लाभ ही मिला. आइये श्री राम की यह मर्यादा अपने जीवन में उतार लें. एक अच्छे मर्यादित पड़ोसी होने का धर्म निभाएं.
हर व्यक्ति कवि है. अक्सर यह कवि कानों में फुसफुसाता है. कुछ सुनते हैं, कुछ नहीं सुनते. जो सुनते हैं वह शब्द दे देते हैं इस फुसफुसाहट को. एक और पुष्प खिल जाता है काव्य कुञ्ज में.
दैनिक प्रार्थना
हमारे मन में सबके प्रति प्रेम, सहानुभूति, मित्रता और शांतिपूर्वक साथ रहने का भाव हो
दैनिक प्रार्थना
है आद्य्शक्ति, जगत्जन्नी, कल्याणकारिणी, विघ्न्हारिणी माँ,
सब पर कृपा करो, दया करो, कुशल-मंगल करो,
सब सुखी हों, स्वस्थ हों, सानंद हों, दीर्घायु हों,
सबके मन में संतोष हो, परोपकार की भावना हो,
आपके चरणों में सब की भक्ति बनी रहे,
सबके मन में एक दूसरे के प्रति प्रेम भाव हो,
सहानुभूति की भावना हो, आदर की भावना हो,
मिल-जुल कर शान्ति पूर्वक एक साथ रहने की भावना हो,
माँ सबके मन में निवास करो.
सब पर कृपा करो, दया करो, कुशल-मंगल करो,
सब सुखी हों, स्वस्थ हों, सानंद हों, दीर्घायु हों,
सबके मन में संतोष हो, परोपकार की भावना हो,
आपके चरणों में सब की भक्ति बनी रहे,
सबके मन में एक दूसरे के प्रति प्रेम भाव हो,
सहानुभूति की भावना हो, आदर की भावना हो,
मिल-जुल कर शान्ति पूर्वक एक साथ रहने की भावना हो,
माँ सबके मन में निवास करो.
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2 comments:
aapne achchhi jankari di hai jari rakhen..
kripya word verification hata den.
Thanks for your comments.
I have removed word verification.
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