एक सर्वेक्षण के अनुसार जब लोगों से यह सवाल पूछा गया कि अगर आज लोक सभा का चुनाव हो जाए तब आप किसे वोट देंगे? अधिकतर लोगों ने कहा कांग्रेस को.
हमें पता चला कि हमारे एक मित्र से भी यह सवाल पूछा गया था. उन्होंने ने भी कांग्रेस के पक्ष में वोट दिया था. हम ने उनसे पूछा ऐसा क्यों. मित्र ने कहा, "यार तकलीफ में रहने की आदत हो गई है".
हर व्यक्ति कवि है. अक्सर यह कवि कानों में फुसफुसाता है. कुछ सुनते हैं, कुछ नहीं सुनते. जो सुनते हैं वह शब्द दे देते हैं इस फुसफुसाहट को. एक और पुष्प खिल जाता है काव्य कुञ्ज में.
दैनिक प्रार्थना
हमारे मन में सबके प्रति प्रेम, सहानुभूति, मित्रता और शांतिपूर्वक साथ रहने का भाव हो
दैनिक प्रार्थना
है आद्य्शक्ति, जगत्जन्नी, कल्याणकारिणी, विघ्न्हारिणी माँ,
सब पर कृपा करो, दया करो, कुशल-मंगल करो,
सब सुखी हों, स्वस्थ हों, सानंद हों, दीर्घायु हों,
सबके मन में संतोष हो, परोपकार की भावना हो,
आपके चरणों में सब की भक्ति बनी रहे,
सबके मन में एक दूसरे के प्रति प्रेम भाव हो,
सहानुभूति की भावना हो, आदर की भावना हो,
मिल-जुल कर शान्ति पूर्वक एक साथ रहने की भावना हो,
माँ सबके मन में निवास करो.
सब पर कृपा करो, दया करो, कुशल-मंगल करो,
सब सुखी हों, स्वस्थ हों, सानंद हों, दीर्घायु हों,
सबके मन में संतोष हो, परोपकार की भावना हो,
आपके चरणों में सब की भक्ति बनी रहे,
सबके मन में एक दूसरे के प्रति प्रेम भाव हो,
सहानुभूति की भावना हो, आदर की भावना हो,
मिल-जुल कर शान्ति पूर्वक एक साथ रहने की भावना हो,
माँ सबके मन में निवास करो.
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4 comments:
सुरेश जी जानना चाहूँगा की जिस विचार को आप मानते हैं वो तो ठीक होता है लेकिन जिसे आप नही मानते क्या वो इतना बुरा हो जाता है की आप उसे तकलीफ कहने लगते हैं. तेल के दाम अभी और बढ़ने वाले हैं तकलीफ अभी और बढेगी. आपके हिसाब से
राकेश जी मेरे ब्लाग पर आने के लिए आपका धन्यवाद. एक चुटकुला था यह पर आपने उसे गंभीरता से ले लिया. कभी कभी हँसते रहना भी चाहिए.
आपने कहा चुटकुला है तो हँस लिए. वरना तो सच ही मान लिया था. :)
संजय जी, आपने जो लिखा वह भी एक् चुटकुला हो गया.
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