कुछ दिन पहले एक उद्घाटन समारोह में प्रधान मंत्री मनमोहन सिंह ने दिल्ली की मुख्य मंत्री शीला दीक्षित की पीठ खूब थपथपाई. उनके अनुसार दिल्ली भारत का सब से साफ-सुथरा, हरा-भरा और अति सुंदर शहर है. इसके लिए उन्होंने धन्यवाद किया शीला दीक्षित का क्योंकि शीला जी ने ऐसा दिल्ली शहर उन्हें रहने के लिए दिया है. मैंने यह ख़बर पढ़ी तो पहले लगा कि यह कोई चुटकुला है. फ़िर सोचा प्रधान मंत्री कभी कभी ऐसी बातें करते तो हैं पर एक सार्वजनिक समारोह मैं एक चुटकुला तो नहीं सुनायेंगे. फ़िर सोचा सही तो है. प्रधान मंत्री जिस दिल्ली में रहते हैं वह तो वास्तव में साफ-सुथरा, हरा-भरा और अति सुंदर शहर है. वह कभी मेरी दिल्ली में तो आए नहीं.
फ़िर सोचा कि हो सकता है पिछले कुछ घंटों में मेरी दिल्ली भी शीला जी की मेहरबानी से हरी-भरी, साफ-सुथरी और अति सुंदर हो गई हो. तुरंत मैं घर से बाहर निकला और मेन रोड पर पहुँचा. कुछ नया नजर नहीं आया. जो है वह आप भी देखिये.
लेकिन यह तो वास्तव में एक चुटकुला ही हो गया. दिल्ली की मुख्य मंत्री और भारत के प्रधान मंत्री उस दिल्ली को जानते ही नहीं जहाँ मेरे जैसे आम आदमी रहते हैं, और इन की सरकार यह कहती है की वह आम आदमी की सरकार है.
हर व्यक्ति कवि है. अक्सर यह कवि कानों में फुसफुसाता है. कुछ सुनते हैं, कुछ नहीं सुनते. जो सुनते हैं वह शब्द दे देते हैं इस फुसफुसाहट को. एक और पुष्प खिल जाता है काव्य कुञ्ज में.
दैनिक प्रार्थना
हमारे मन में सबके प्रति प्रेम, सहानुभूति, मित्रता और शांतिपूर्वक साथ रहने का भाव हो
दैनिक प्रार्थना
है आद्य्शक्ति, जगत्जन्नी, कल्याणकारिणी, विघ्न्हारिणी माँ,
सब पर कृपा करो, दया करो, कुशल-मंगल करो,
सब सुखी हों, स्वस्थ हों, सानंद हों, दीर्घायु हों,
सबके मन में संतोष हो, परोपकार की भावना हो,
आपके चरणों में सब की भक्ति बनी रहे,
सबके मन में एक दूसरे के प्रति प्रेम भाव हो,
सहानुभूति की भावना हो, आदर की भावना हो,
मिल-जुल कर शान्ति पूर्वक एक साथ रहने की भावना हो,
माँ सबके मन में निवास करो.
सब पर कृपा करो, दया करो, कुशल-मंगल करो,
सब सुखी हों, स्वस्थ हों, सानंद हों, दीर्घायु हों,
सबके मन में संतोष हो, परोपकार की भावना हो,
आपके चरणों में सब की भक्ति बनी रहे,
सबके मन में एक दूसरे के प्रति प्रेम भाव हो,
सहानुभूति की भावना हो, आदर की भावना हो,
मिल-जुल कर शान्ति पूर्वक एक साथ रहने की भावना हो,
माँ सबके मन में निवास करो.
Monday, 14 April 2008
मनमोहन ने पीठ ठोंकी शीला की
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3 comments:
दोनों की असलियत उजागर हो गयी.
हमारे प्रधानमंत्री चुटकुला भी गंभीरता से सुनाते हैं. आपके फोटो देखकर तो एसा ही लगता है.
आपका ब्लाग पढ़कर बहुत अच्छा लगा. धन्यवाद
अरे नही यह इतना ऊपर पहुच गये की इन्हे तो भारत मे महगांई भी नही दिखती, गदंगी कहा दिखे गी,
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