राहुल गाँधी को प्रधान मंत्री बनाने के अर्जुन सिंह के सुझाब को कांग्रेस आलाकमान ने चमचागिरी कहकर उस की भर्त्सना की है. यह भी कहा गया है कि ऊपर कोई जगह खाली नहीं है. जो कुछ हुआ और कहा गया वह कुछ अजीब लगता है. कांग्रेस हमेशा से चमचों की पार्टी रही है. मनमोहन जी की मंत्री परिषद् में ऐसे अनेक निकम्मे चेहरे हैं जो केवल परिवार की चमचागिरी के कारण वहाँ हैं. काबलियत यदि देखी जाती तो अब तक वह चेहरे भूतकाल का हिस्सा बन चुके होते. राष्ट्रपति चुनाव में भी इस चमचागिरी का ही बोलबाला रहा. राजनीति का धंधा करने वालों के एक नहीं अनेक चेहरे हैं. किस चेहरे से वह क्या कहते हैं इस का अनुमान लगाना अब मुश्किल नहीं रहा.
सीधी सी बात है. सब कुछ परिवार की छबि चमकाने के लिए हो रहा है. प्रियंका जेल मैं अपने पिता की कातिल से मिलने जाती हैं. कितनी महान हैं वह! मनमोहन जी राहुल से मंत्री बनने के लिए विनम्र प्रार्थना करते हैं और जबाब उनकी माता जी देती हैं. राहुल जी कितने महान हैं! मायावती के चलाये सारे तीर एक ही बार में बेकार कर दिए गए. अर्जुन की भर्त्सना के तीर ने आगे के लिए एक ब्रह्माश्त्र की रचना कर दी. महान परिवार और ज्यादा महान हो गया.
अगले चुनाव में कांग्रेस यदि जीती तब कोई भी प्रधान मंत्री बने, अर्जुन का मंत्री पद पक्का हो गया है. लगे रहो मुन्ना (अर्जुन) भाई. अब ऐसी चमचागिरी के प्रदर्शन और भी होंगें. देखते जाइये.
हर व्यक्ति कवि है. अक्सर यह कवि कानों में फुसफुसाता है. कुछ सुनते हैं, कुछ नहीं सुनते. जो सुनते हैं वह शब्द दे देते हैं इस फुसफुसाहट को. एक और पुष्प खिल जाता है काव्य कुञ्ज में.
दैनिक प्रार्थना
हमारे मन में सबके प्रति प्रेम, सहानुभूति, मित्रता और शांतिपूर्वक साथ रहने का भाव हो
दैनिक प्रार्थना
है आद्य्शक्ति, जगत्जन्नी, कल्याणकारिणी, विघ्न्हारिणी माँ,
सब पर कृपा करो, दया करो, कुशल-मंगल करो,
सब सुखी हों, स्वस्थ हों, सानंद हों, दीर्घायु हों,
सबके मन में संतोष हो, परोपकार की भावना हो,
आपके चरणों में सब की भक्ति बनी रहे,
सबके मन में एक दूसरे के प्रति प्रेम भाव हो,
सहानुभूति की भावना हो, आदर की भावना हो,
मिल-जुल कर शान्ति पूर्वक एक साथ रहने की भावना हो,
माँ सबके मन में निवास करो.
सब पर कृपा करो, दया करो, कुशल-मंगल करो,
सब सुखी हों, स्वस्थ हों, सानंद हों, दीर्घायु हों,
सबके मन में संतोष हो, परोपकार की भावना हो,
आपके चरणों में सब की भक्ति बनी रहे,
सबके मन में एक दूसरे के प्रति प्रेम भाव हो,
सहानुभूति की भावना हो, आदर की भावना हो,
मिल-जुल कर शान्ति पूर्वक एक साथ रहने की भावना हो,
माँ सबके मन में निवास करो.
Wednesday 16 April, 2008
चमचागिरी की भर्त्सना या लगे रहो मुन्ना (अर्जुन) भाई
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