कहते हैं दिल्ली में एक सरकार है,
एक क्या कई सरकार हैं,
मनमोहन सिंह की सरकार,
शीला दीक्षित की सरकार,
पर वह सरकार है कहाँ?
क्या आप ने उसे देखा है?
एक मनमोहन सिंह की दिल्ली,
एक आम आदमी की दिल्ली,
एक में विजली पानी नहीं जाते,
एक में विजली पानी नहीं आते,
एक साफ हैं दूसरी गन्दी,
एक हरी भरी है दूसरी बंजर,
एक मैं ट्रेफिक न के बराबर है,
दूसरी में हमेशा जाम लगे रहते हैं,
एक में खतरे की बातें होती हैं,
दूसरी में खतरा ही खतरा है.
दोनों कितनी अलग हैं?
आप किस दिल्ली में रहते हैं?
गर्मियाँ आईं विजली चली गई,
जितनी आती थी अब उतनी भी नहीं,
विजली नहीं तो पानी भी नहीं,
इन्वर्टरों ने हाथ खड़े कर दिए हैं,
क्या करें कुछ समझ नहीं आता,
आप के पास हैं कोई समाधान?
दिल्ली में एक नया आतंक फ़ैल गया है,
बी आर टी ने जनता की नींद उड़ा दी है,
तुगलकी सरकार पूरी तरह फेल हो गई है,
पहले तो सारा क्रेडिट ख़ुद ले रही थी,
अब अधिकारियों पर दोष लगा रही है.
लोगों ने ट्रेफिक जाम लगाया,
लोगों ने ट्रेफिक जाम हटाया,
पुलिस चेक पोस्ट पर बैठी रही,
गाड़ियों को रोकती रही,
जेब गरम करती रही.
सरकार कहाँ है, पता नहीं.
महंगाई ने लोगो की कमर तोड़ दी,
पर रोज विज्ञापन छपते हैं अखबारों में,
विज्ञापनों में छपते हैं फोटो,
मनमोहन सिंह के, सोनिया के,
शीला के, उनके मंत्रियों के,
जनता के पैसे से, जनता के दिल पर,
करती है वार, यह सरकार,
इन विज्ञापनों से.
हर व्यक्ति कवि है. अक्सर यह कवि कानों में फुसफुसाता है. कुछ सुनते हैं, कुछ नहीं सुनते. जो सुनते हैं वह शब्द दे देते हैं इस फुसफुसाहट को. एक और पुष्प खिल जाता है काव्य कुञ्ज में.
दैनिक प्रार्थना
हमारे मन में सबके प्रति प्रेम, सहानुभूति, मित्रता और शांतिपूर्वक साथ रहने का भाव हो
दैनिक प्रार्थना
है आद्य्शक्ति, जगत्जन्नी, कल्याणकारिणी, विघ्न्हारिणी माँ,
सब पर कृपा करो, दया करो, कुशल-मंगल करो,
सब सुखी हों, स्वस्थ हों, सानंद हों, दीर्घायु हों,
सबके मन में संतोष हो, परोपकार की भावना हो,
आपके चरणों में सब की भक्ति बनी रहे,
सबके मन में एक दूसरे के प्रति प्रेम भाव हो,
सहानुभूति की भावना हो, आदर की भावना हो,
मिल-जुल कर शान्ति पूर्वक एक साथ रहने की भावना हो,
माँ सबके मन में निवास करो.
सब पर कृपा करो, दया करो, कुशल-मंगल करो,
सब सुखी हों, स्वस्थ हों, सानंद हों, दीर्घायु हों,
सबके मन में संतोष हो, परोपकार की भावना हो,
आपके चरणों में सब की भक्ति बनी रहे,
सबके मन में एक दूसरे के प्रति प्रेम भाव हो,
सहानुभूति की भावना हो, आदर की भावना हो,
मिल-जुल कर शान्ति पूर्वक एक साथ रहने की भावना हो,
माँ सबके मन में निवास करो.
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