दैनिक प्रार्थना

हमारे मन में सबके प्रति प्रेम, सहानुभूति, मित्रता और शांतिपूर्वक साथ रहने का भाव हो


दैनिक प्रार्थना

है आद्य्शक्ति, जगत्जन्नी, कल्याणकारिणी, विघ्न्हारिणी माँ,
सब पर कृपा करो, दया करो, कुशल-मंगल करो,
सब सुखी हों, स्वस्थ हों, सानंद हों, दीर्घायु हों,
सबके मन में संतोष हो, परोपकार की भावना हो,
आपके चरणों में सब की भक्ति बनी रहे,
सबके मन में एक दूसरे के प्रति प्रेम भाव हो,
सहानुभूति की भावना हो, आदर की भावना हो,
मिल-जुल कर शान्ति पूर्वक एक साथ रहने की भावना हो,
माँ सबके मन में निवास करो.

Tuesday 29 April, 2008

तीन करोड़ का थप्पड़

क्रिकेट कभी भद्र्लोगों का खेल माना जाता था. अब वह अभद्र्लोगों का खेल हो गया है. पहले गाली-गलौज और अब थप्पड़. लोग इसे कुछ भी कहें, पर इससे एक फायदा हुआ है. इस अनुभव के साथ क्रिकेट से संन्यास लेने के बाद अब क्रिकेटर्स आसानी से राजनीति में जा सकते हैं. राजनीतिबाज अभद्र और क्रिकेटी अभद्र, खूब मजे से गुजरेगी जब मिल बैठेंगे दो चोटी के अभद्र.

भज्जी ने श्रीशांत को थप्पड़ ज़ड़ दिया. श्रीशांत फूट-फूट कर रोये. टी वी चैनल्स ने फूट-फूट कर रोते श्रीशांत को इतना ज्यादा दिखाया की सारा देश रोने लगा. बी सी सी आई और आई पी एल भी रोने लगे. सब भज्जी को रुलाने की बात करने लगे. फारूख इंजिनियर साहब ने आखिरकार भज्जी को रुला ही दिया. तीन करोड़ का झटका दिया भज्जी को. भज्जी इस अभद्रता के मैदान से महान बन कर निकले. तीन करोड़ का झटका खाने के बाद मुस्कुराये, श्रीशांत से हाथ मिलाया. सब को धन्यवाद कहा, और आशा प्रकट की कि भविष्य में भी उन्हें इस प्रकार का सहयोग मिलता रहेगा. यानी तीन करोड़ के झटके और भी लगाए जाते रहेंगे.

अभी तक तो नेहरू-गाँधी परिवार के लोग ही महान होते थे. सोनिया गाँधी ने पी एम् की कुर्सी ठुकरा दी. राहुल को युवराज कहा जाना पसंद नहीं है. प्रियंका जेल में अपने पिता के कातिल से गले मिलने गईं. अब भज्जी ने भी महानता के रास्ते पर कदम रख दिया है. तीन करोड़ का झटका खाकर मुस्कुराना और इस के लिए सबका धन्यवाद करना एक अब्बल दर्जे की महानता है. मुझे डर है कि भज्जी कहीं राहुल की पारिवारिक महानता के लिए खतरा न बन जायें.

यह तो रही थप्पड़ और महानता की बात. क्रिकेट में रिकार्ड का बहुत महत्त्व है. जरा देखें तो कहीं इस महान अभद्रता के प्रकरण ने कोई रिकार्ड तो नहीं बना दिया? तीन करोड़ का थप्पड़. कहीं यह रिकार्ड तो नहीं बन गया? क्रिकेट के रिकार्दियों को रिसर्च करनी चाहिए. अब तक क्रिकेट के इतिहास में कितने थप्पड़ लगे हैं और सब से महंगा थप्पड़ किस ने किस को और कब मारा? यदि यह पहला थप्पड़ है तब भज्जी इस महान परम्परा की शुरुआत के लिए एक पद्म पुरूस्कार के अधिकारी तो हो ही जाते हैं.

3 comments:

rakhshanda said...

सही कहा आपने.

कुश said...

डर है कि भज्जी कहीं राहुल की पारिवारिक महानता के लिए खतरा न बन जायें.
बहुत बढ़िया व्यंग्य.. काफ़ी अच्छा लगा पढ़कर.. बधाई

Lucky said...

bilkul thik likha hai aapne