दैनिक प्रार्थना

हमारे मन में सबके प्रति प्रेम, सहानुभूति, मित्रता और शांतिपूर्वक साथ रहने का भाव हो


दैनिक प्रार्थना

है आद्य्शक्ति, जगत्जन्नी, कल्याणकारिणी, विघ्न्हारिणी माँ,
सब पर कृपा करो, दया करो, कुशल-मंगल करो,
सब सुखी हों, स्वस्थ हों, सानंद हों, दीर्घायु हों,
सबके मन में संतोष हो, परोपकार की भावना हो,
आपके चरणों में सब की भक्ति बनी रहे,
सबके मन में एक दूसरे के प्रति प्रेम भाव हो,
सहानुभूति की भावना हो, आदर की भावना हो,
मिल-जुल कर शान्ति पूर्वक एक साथ रहने की भावना हो,
माँ सबके मन में निवास करो.

Sunday 14 December, 2008

कल १३ दिसंबर था


कल का दिन हमें याद दिलाता है उन शहीदों की जिन्होनें पार्लियामेन्ट और वहां मौजूद राजनीतिबाजों की रक्षा करने में अपने प्राणों की आहुति दी थी. हम भारतवासी उन शहीदों को नमन करते हैं. 

पिछले वर्षों की भांति, इस वर्ष भी, इन शहीदों की स्मृति में जो कार्यक्रम पार्लियामेन्ट में आयोजित किया गया, उस में लोकसभा सदस्यों की मौजूदगी नगण्य थी. लानत है इन राजनीतिबाजों पर, एक बार फ़िर अपमान किया इन्होनें अपने शहीदों का, एक बार फ़िर दिखाई एहसानफ़रामोशी उनके लिए जिन्होनें इन्हें बचाने में अपनी जान दे दी. 

एक वीडियो देखिये आतंकियों द्वारा पार्लियामेन्ट पर हमले का: 


दूसरा वीडियो है इन राजनीतिबाजों द्वारा पार्लियामेन्ट पर हमले का:


मुंबई हमलों के बाद भारत सरकार ने पाकिस्तान को आतंकिओं की सूची दे कर कहा है कि इन्हें भारत के हवाले किया जाय ताकि उन पर देश के कानून के अनुसार मुकदमा चलाया जा सके और उनके अपराध की सजा दी जा सके. लेकिन एक आतंकी जिसे इस देश का सर्वोच्च कानून म्रत्युदंड दे चुका है, उसे यह सरकार सजा नहीं दे रही, बल्कि  उस की दामाद की तरह खातिर कि जा रही है. इन और आतंकवादी दामादों को पाकिस्तान् से लाकर इस देश का पैसा क्यों बेकार करना चाहती है यह सरकार? शर्म आनी चाहिए इस सरकार को? 


2 comments:

भारतीय नागरिक - Indian Citizen said...

शर्म आती है इनपर.

Anonymous said...

बचपन में पढ़ा था:
शहीदों की चिताओं पर लगेंगे हर वरस मेले,
वतन पर मरने वालों का यह बाकी निशां होगा.

शर्म आनी चाहिए इन राजनीतिबाजों को. इनकी जान बचाने के लिए इन शहीदों ने अपनी जान दे दी, और यह एहसानफरामोश घटिया राजनीतिबाज कुछ समय भी नहीं निकाल सकते इन शहीदों को याद करने के लिए.