जनता असुरक्षित है पर सेंकड़ों करोड़ रुपए खर्च किए जा रहे हैं कुछ राजनीतिबाजों की सुरक्षा पर.
७००० एनएसजी जांबाजों में से १७०० जांबाज इन नेताओं की सुरक्षा में लगा दिए गए हैं.
कितनी शर्म की बात है कि जिस एनएसजी का आतंकवाद से निपटने के लिय गठन किया गया था, उसके जवान इन घटिया राजनीतिबाजों को सुरक्षा प्रदान कर रहे हैं.
कुछ दिन पहले दिल्ली हाई कोर्ट ने कहा था, कि राजनीतिबाज कोई राष्ट्रीय सम्पदा नहीं है जिन्हें सुरक्षा प्रदान की जाय.
४२२ वीआइपी की सुरक्षा में लगे हैं लगभग १०००० सुरक्षा कर्मी. इन में वह रेगुलर पुलिस वाले शामिल नहीं हैं जिन्हें उनकी अपनी ड्यूटी से हटाकर इन लोगों की सुरक्षा में लगाया जाता है. अकेले दिल्ली में १४२०० पुलिस वाले इन की सुरक्षा में लगाए गए हैं. कोई ताज्जुब नहीं कि दिल्ली की जनता बहुत ज्यादा असुरक्षित है.
२४ घंटे वीआइपी की सुरक्षा में लगे इन सुरक्षा कर्मियों को जरूरी ट्रेनिंग भी नहीं दी जा पाती है.
इन वीआइपी में कुछ को हो सकता है खतरा रियल हो पर अधिकाँश को कोई खतरा नही है, पर यह देश के ऊपर वोझ बने हुए हैं. जनता का पैसा बरबाद करते हैं और जनता को ट्रेफिक समस्यायें पैदा करके परेशान करते हैं. लगभग २५० करोड़ रुपया खर्च होता है इस गैर-जरूरी सुरक्षा पर. ऐसे कुछ देश पर वोझ हैं - देवगोडा, अमर सिंह, राम विलास पासवान, सज्जन कुमार, बी एल जोशी, आर एल भाटिया, शरद यादव, रामेश्वर ठाकुर, ई एहमद, मुरली मनोहर जोशी, ब्रज भूषन शरण, प्रमोद तिवारी.
वर्तमान और भूतपूर्व प्रधानमंत्रियों और गाँधी परिवार के सदस्यों को स्पेशल प्रोटेक्शन ग्रुप (एसपीजी) सुरक्षा प्रदान करता है. वर्ष २००८-२००९ के लिए इस ग्रुप का बजट है - १८० करोड़ रुपए. इसके मुकाबले में, एनएसजी, जो सारे भारतवासियों को सुरक्षा प्रदान करने के लिए है, का वर्ष २००८-२००९ का बजट है १५८ करोड़.
वीआइपी सुरक्षा पाँच स्तर पर दी जाती है - एसपीजी, जेड प्लस, जेड, वाई, एक्स. जेड प्लस सुरक्षा एनएसजी ब्लेक केट्स द्वारा दी जाती है जिसमें ६ पर्सनल सुरक्षा अधिकारी, २ हेड कांस्टेबल, १२ कांस्टेबल, एक एस्कोर्ट, एक पायलट वेहिकिल. ३० राजनीतिबाज ऐसे हैं जिन्हें जेड प्लस सुरक्षा मिली हुई है. इनमें हैं - आडवानी, मायावती, नरेंद्र मोदी, जयललिता, मुरली मनोहर जोशी, अमर सिंह, पासवान. ६२ को जेड, २४३ को वाई, ८१ को एक्स स्तर की सुरक्षा मिली हुई है.
क्या कहेंगे इसे? बेईमानी और बेशर्मी, या इस से भी कुछ अधिक?
हटाओ सुरक्षा कवच इन राजनीतिबाजों से.
जनता को दो यह सुरक्षा कवच.
6 comments:
बहुत सही बात उठाई है। होना तो यह चाहिए कि जिन महानुभावो को सुरक्षा चाहिए वह उस को अपने खर्चे पर प्राप्त करे।जनता की सेवा करने के एवज में वह पहले ही बहुत सुविधाएं पा लेते हैं।
bahut khub, aam aadmi ki sthiti to muli gajar jaisi hai, jab chaho kato, khao. koi puchne wala nahi.
सर,जब खुद सुरक्षित होंगे तभी तो दूसरों को सुरक्षित कर पायेंगे, इसीलिये पहले खुद को सुरक्षित कर रहे हैं.
यह इतनी सुरक्षा क्यो चाहते है??? क्योकि यह हरामी सुयर खुद ही चोर है, ओर किस लिये अगर सच्चे होते तो किस लिये सुरक्षा ?? लाल बहदुर शास्त्री जी को तो कोई जरुरत नही थी, एक बद्द नामुना दाग है यह निकम्मे नेता, हमारे भारत पर
भाजपा सरकार ने एस पी जी एक्ट में १९९९ में संशोधन के जरिये पूर्व प्रधानमन्त्री और उनके परिवार जनों के लिए १० वर्ष से अधिक समय के लिए सुरक्षा का प्रावधान किया था. अन्यथा १९९९ में गाँधी परिवार एस पी जी सुरक्षा से बाहर हो जाता .
गाँधी परिवार गाँधी परिवार होने के चलते नही बल्कि पूर्व प्रधान मंत्री के परिवार के चलते एस पी जी सुरक्षा प्राप्त करता है. अगर लिखना ही है तो सच लिखिए
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