मैंने अपनी पिछली पोस्ट में लिखा था कि कांग्रेस द्वारा अंतुले के बयान से पल्ला झाड़ लेना काफ़ी नहीं है. अब तो यह लगता है कि अंतुले का बयान एक सोचे-समझे षड़यंत्र का एक हिस्सा है, जिस से पकिस्तान के सामने भारत के पक्ष को कमजोर किया जा सके. अंतुले भारत सरकार का एक मंत्री है, इसलिए उस का बयान बहुत महत्वपूर्ण हो जाता है. यह बयान भारत सरकार के द्वारा दिए जा रहे सबूतों की काट करता है.
कांग्रेस समर्थक एक अंग्रेजी के प्रसिद्द अखबार को भी यह बयान बहुत ग़लत लगा है और आज इस अखबार ने अपने सम्पादकीय में कहा है प्रधानमंत्री को तुंरत अंतुले का इस्तीफा माँगना चाहिए. अगर ऐसा नहीं किया गया तो भारत को बहुत नुक्सान उठाना पड़ेगा. आज सारा देश आतंक के ख़िलाफ़ एक जुट है. केवल अंतुले जैसे कांग्रेसी देश के ख़िलाफ़ खड़े हैं. यह भी हो सकता है कि अंतुले ही भारत के अन्दर सीमापार से आ रहे आतंकवाद को सुबिधायें मुहैया कराता है.
कुछ दिन पहले, एक और मंत्री सईद ने सुरक्षा परिषद् में दिए गए भाषण से नरिमान हाउस का नाम ही गायब कर दिया. अब सुरक्षा परिषद् के रिकार्ड्स में भारत का एक ऐसा भाषण दर्ज है जिस के अनुसार मुंबई में नरिमान हाउस पर कोई हमला नहीं हुआ और कोई यहूदी नहीं मारा गया.
कितनी शर्म की बात है सोनिया जी, आपकी कांग्रेस पार्टी और उसकी सरकार देश का ऐसा अहित कर रही हैं. अगर आप, आपकी पार्टी एवं सरकार इस देश से प्यार करते हैं तब अंतुले और सईद जैसे मंत्रिओं को तुंरत बर्खास्त किया जाय और उनके ख़िलाफ़ उचित कानूनी कार्यवाही की जाय.
4 comments:
aapaki baat sun li gaye.. इस्तिफा हो गया... क्या बात है.. असरदार..
antule jaise log hi asli aatankvaadi hain, hamare beech ke aatankvaadi
जब हो ही मैडम के इशारे पर रहा है तो आप किससे फरियाद कर रहें है?
सुरेश जी संजय बेंगाणी जी की बात गोर करने लायक है,
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