दैनिक प्रार्थना

हमारे मन में सबके प्रति प्रेम, सहानुभूति, मित्रता और शांतिपूर्वक साथ रहने का भाव हो


दैनिक प्रार्थना

है आद्य्शक्ति, जगत्जन्नी, कल्याणकारिणी, विघ्न्हारिणी माँ,
सब पर कृपा करो, दया करो, कुशल-मंगल करो,
सब सुखी हों, स्वस्थ हों, सानंद हों, दीर्घायु हों,
सबके मन में संतोष हो, परोपकार की भावना हो,
आपके चरणों में सब की भक्ति बनी रहे,
सबके मन में एक दूसरे के प्रति प्रेम भाव हो,
सहानुभूति की भावना हो, आदर की भावना हो,
मिल-जुल कर शान्ति पूर्वक एक साथ रहने की भावना हो,
माँ सबके मन में निवास करो.

Saturday, 13 December 2008

यही मौका है, इसका फायदा उठाओ

भारत की जनता आज आतंकवाद के ख़िलाफ़ एक स्वर में बोल रही है. आज आतंकवाद के ख़िलाफ़ हर नागरिक केवल एक भारतीय है, न कोई हिंदू है, न कोई मुसलमान, न सिख, न ईसाई, न और किसी और वर्ग का. राजनीतिबाजों के ख़िलाफ़ जो जन मत बना उसने सब को सोचने पर मजबूर कर दिया. कुछ इस्तीफे दिए गए. कुछ सख्त बातें की गईं. कुछ सख्त कदम उठाने की प्रक्रिया शुरू हुई. लोक सभा में सब राजनीतिबाज एक स्वर में बोले. अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर भी भारत को अभूतपूर्व समर्थन मिल रहा है. 

यह एक बहुत अच्छा अवसर है, इस का पूरा फायदा उठाना चाहिए. जनता को राजनीतिबाजों पर यह दबाब बनाए रखना चाहिए. राजनीतिबाजों को दलगत राजनीति से ऊपर उठ कर यह एकता दिखाते रहना चाहिए,मन, वचन और कर्म तीनों में. 

हिन्दी ब्लागजगत को भी आतंकवाद के विरुद्ध एक स्वर में लिखना चाहिए. 

2 comments:

Anonymous said...

आतंकवाद के विरुद्ध जो माहौल आज देश में और देश के बाहर बन रहा है उसका फायदा उठा कर भारत आतंकवाद का सफाया कर सकता है. यह बहुत सही मौका है. अगर इस बार भी हम चूक गए तो शायद ही फ़िर ऐसा मौका मिले.

राज भाटिय़ा said...

आप के लेख से सहमत है.
धन्यवाद