पहले तो आप सब को भाई दूज पर शुभकामनाएं.
फ़िर देखिये एक विडियो.
फ़िर देखिये एक फिल्मी गीत
हर व्यक्ति कवि है. अक्सर यह कवि कानों में फुसफुसाता है. कुछ सुनते हैं, कुछ नहीं सुनते. जो सुनते हैं वह शब्द दे देते हैं इस फुसफुसाहट को. एक और पुष्प खिल जाता है काव्य कुञ्ज में.
हमारे मन में सबके प्रति प्रेम, सहानुभूति, मित्रता और शांतिपूर्वक साथ रहने का भाव हो
1 comment:
dooriyan najdeekiyan gayin, ajab ittefaq hai
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