मनोनीत प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह जी ने कहा है कि एक उच्च स्तरीय टास्क फोर्स बनाकर वह १०० दिन में आतंकवाद और नक्सलवाद समाप्त कर देंगे. उन्होंने यह भी कहा कि नक्सलवाद आतंकवाद से ज्यादा खतरनाक है. यह बात उन्होंने पहले भी कही थी पर किया कुछ नहीं था. क्या इस बार भी वह सिर्फ़ कहने की आदत के कारण कहने के लिए कह रहे हैं? आडवाणी जी ने उनकी इस बात का मजाक उड़ा दिया और कहा कि १०० दिन में मनमोहन जी की सिर्फ़ कहने वाली सरकार को ही समाप्त कर देना चाहिए.
हम आडवानी जी से अपील करते हैं कि वह इस तरह मनमोहन जी की बात का मजाक न उड़ाएं. हो सकता है इस बार वह बाकई कुछ करना चाहते हों - 'शायद उनका आखिरी हो यह सितम, हर सितम यह सोच कर हम सह गए'. हम सोनिया जी से भी अपील करते हैं कि इस बार वह मनमोहन जी कुछ कर ही लेने दें.
8 comments:
1800 दिनों के पाप 100 दिन में धोने दिये जाय.
sau din to task force banane me hi lag jayenge,uske bad atankavad aur naxalvad khatam karne ke liye fir se sarkar bana do kahenge aur agle janm tak ye samasya khatm nahi karenge kyonki samasya nahi rahegi to netao ko puchhega kaun.
अरे रहने दीजिये, हम क्यों बेचारे मनमोहनसिंह को परेशान करें, ये आतंकवाद, फातंकवाद पर क्यों बेचारे सीधे साधे सरदार को उलझाते हो.
आतंकवाद पर लगाम लगाने का काम तो आने वाली नई सरकार कर लेगी.
jab das saal ke raaj me kuchh naa kar sake to so din me kuan saa teer maar lege.
ek baar mujhe prime minister bana den, main bhi khatm kar doonga, waise sau din to man ji ke paas abhi bhi hain.
loktantra ki jai ho
regards
अभी भी सौ दिन सुनार के मांग रहे हैं। लोहार का हाथ कब दिखेगा ?
अरे वाह लगता है ताऊ का लठ्ठ हाथ लग गया है? लेकिन उस लठ्ठ को चलने के लिये भी तो..... प्यारे मनमोहन जी आप हमारे संजय बेंगाणी जी की टिपण्णी पर गोर जरुर करे, भाई हम भी सहमत है इन की टिपण्णी से.
धन्यवाद
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