दैनिक प्रार्थना
है आद्य्शक्ति, जगत्जन्नी, कल्याणकारिणी, विघ्न्हारिणी माँ,
सब पर कृपा करो, दया करो, कुशल-मंगल करो,
सब सुखी हों, स्वस्थ हों, सानंद हों, दीर्घायु हों,
सबके मन में संतोष हो, परोपकार की भावना हो,
आपके चरणों में सब की भक्ति बनी रहे,
सबके मन में एक दूसरे के प्रति प्रेम भाव हो,
सहानुभूति की भावना हो, आदर की भावना हो,
मिल-जुल कर शान्ति पूर्वक एक साथ रहने की भावना हो,
माँ सबके मन में निवास करो.
गुरु नानक देव जी के जन्म दिन पर लख-लख वधाईयां
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गुरू नानक देव सिखों के प्रथम गुरू थे । गुरु नानक देवजी का प्रकाश (जन्म) 15 अप्रैल 1469 ई. (वैशाख सुदी 3, संवत् 1526 विक्रमी) में तलवंडी रायभोय नामक स्थान पर हुआ। सुविधा की दृष्टि से गुरु नानक का प्रकाश उत्सव कार्तिक पूर्णिमा को मनाया जाता है। तलवंडी अब ननकाना साहिब के नाम से जाना जाता है। तलवंडी पाकिस्तान के लाहौर जिले से 30 मील दक्षिण-पश्चिम में स्थित है।
3 comments:
"sunder prstuteekaran... ap ko bhee bdahee"
Regards
padhkar aur dekhkar achcha laga
सुरेश जी गुरु नानक देव जी सिखो के ही नही हम सब के पहले गुरु है, हमे उन से उन की जीवनी से बहुत कुछ सीखना चाहिये, नानक देव जी के लिये तो सब एक समान थे, यह तो हम ने ही उन्हे सिखो के पहले गुरु के रुप मे मानाब शुरु किया है, जब की वो सिर्फ़ एक सच्चे इंसान थे. मै उने नत मस्तक हो कर प्राणाम करता हू.
धन्यवाद
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