अगले वर्ष लोक सभा के चुनाव होंगे. भारतीयों के सामने फ़िर एक अवसर है एक योग्य नेतृत्व चुनने का. यह नेतृत्व कैसा हो, इस बारे मैं आडवाणी जी ने हिन्दुस्तान टाइम्स लीडरशीप समिट में क्या कहा:
"भारत को एक ऐसे मजबूत नेतृत्व और एक ऐसी सुदृढ़ सरकार की जरूरत है जिसमें वर्तमान संकट पर काबू पाने और दीर्घकालिक लक्ष्यों को कृतसंकल्प होकर हासिल करने की एक सुस्पष्ट दृष्टि रखने की क्षमता हो। मैं ऐसा इसलिए कह रहा हूं क्योंकि मैं यह मानता हूं कि वर्तमान संकट यद्यपि आहत कर रहा है लेकिन यह भारत के लिए लम्बी छलांग लगाने हेतु अद्वितीय अवसर भी उपलब्ध करा रहा है। हम वैश्विक अर्थव्यवस्था और राजनीतिक व्यवस्था में हो रहे असाधारण परिवर्तनों के परिप्रेक्ष्य में भारत के पुनर्जागरण का मौका भी हासिल कर सकते हैं। यह नेतृत्व की वर्तमान पीढ़ी और हमारे नागरिक समाज पर निर्भर करता है कि वे राष्ट्र को आगे बढ़ने के लिए बौध्दिक और नीतिगत आधार प्रदान करें जिससे एक ऐसे राष्ट्र का निर्माण हो जो एक गौरवशाली और प्राचीन राष्ट्र की छवि के अनुरूप हो और जो बहुसंख्यक भारतीयों की सामाजिक तथा आर्थिक आकांक्षाओं को पूरा करे।"
6 comments:
सही है।
भारत मे अंग्रेजो की गुलामी के अवशेष फिर से पनप रहे हैं। भारत को आजाद कराना ही हमारा प्रमुख लक्ष्य होना चाहिए। आजादी दिलाने मे जो सरकार और व्यक्ति सक्षम हो उन्हे चुना जाना चाहिए। भाजपा और संघ को भी अपने नेतृत्व मे सफाई करने की आवश्यकता है। आडवानी जी से शब्द नही, कर्म की अपेक्षा है।
kam gandi kameej ko pahnana hi ekmaatra uchit vikalp hai, aapse sahmat hoon
"जो बहुसंख्यक भारतीयों की सामाजिक तथा आर्थिक आकांक्षाओं को पूरा करे" - तो अल्पसंख्यकों का क्या होगा??
इस वक्तव्य की भावना को देखते हुए यह स्पष्ट है कि 'बहुसंख्यक' शब्द अधिकाँश भारतीयों के लिए प्रयोग किया गया है. अल्पसंख्यक भी इस में शामिल हैं.
आडवानी जी की बात लगती तो सही है.
धन्यवाद
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