दैनिक प्रार्थना

हमारे मन में सबके प्रति प्रेम, सहानुभूति, मित्रता और शांतिपूर्वक साथ रहने का भाव हो


दैनिक प्रार्थना

है आद्य्शक्ति, जगत्जन्नी, कल्याणकारिणी, विघ्न्हारिणी माँ,
सब पर कृपा करो, दया करो, कुशल-मंगल करो,
सब सुखी हों, स्वस्थ हों, सानंद हों, दीर्घायु हों,
सबके मन में संतोष हो, परोपकार की भावना हो,
आपके चरणों में सब की भक्ति बनी रहे,
सबके मन में एक दूसरे के प्रति प्रेम भाव हो,
सहानुभूति की भावना हो, आदर की भावना हो,
मिल-जुल कर शान्ति पूर्वक एक साथ रहने की भावना हो,
माँ सबके मन में निवास करो.

Monday 17 November, 2008

लो जी मधुशाला भी इस्लाम के ख़िलाफ़ है

आप में से बहुत लोगों ने मधुशाला पढ़ी होगी. मैंने पढ़ी है और मुशायरों में सुना भी है. आज से ७३ वर्ष पहले डा. हरिवंश राय बच्चन ने यह किताब लिखी थी. अब एक मुसलमान धार्मिक नेता ने यह फतवा दिया है कि यह किताब इस्लाम के ख़िलाफ़ है. अब आगे वह क्या करेंगे - क्या इस किताब पर पाबंदी लगाने की मांग करेंगे? मौका अच्छा है, केन्द्र में कांग्रेस की सरकार है, और कांग्रेस की मालकिन डा. बच्चन के बेटे अमिताभ बच्चन को नापसंद करती है. माग फ़ौरन मांग ली जायेगी. हो सकता है बच्चन को नसरीना की तरह हिन्दुस्तान से बाहर जाने को कहा जाए. 

12 comments:

seema gupta said...

हो सकता है बच्चन को नसरीना की तरह हिन्दुस्तान से बाहर जाने को कहा जाए.

" oh very serious thought and issue.."

regards

Anil Pusadkar said...

aisa hai gupta ji yahi baat hindu dharm ke khilaaf hoti hai aur uske khilaaf koi aavaaz uthataa to yehi mamla sampradayik ho jaata.ab is mamle me kuchh kahe to log hame muslim virodhi karar de denge.

Anonymous said...

हिन्दुओं द्वारा हो मूर्तिपूजा की जाती है यह भी इस्लाम के खिलाफ है जी
सारे हिन्दुओं को यहां से हटाकर महाराष्ट्र कांग्रेस की एटीएस द्वारा जेल में भेज देना चाहिये

भारतीय नागरिक - Indian Citizen said...

हिन्दुओं का रहना ही साम्प्रदायिकता है, इन्हें मारकर बंगाल की खाडी में डाल दो

P.N. Subramanian said...

यदि अकल आएगी तो मुसलमान भी इस्लाम के खिलाफ हो जवेगा, लेकिन आएगी नहीं

dhiru singh { धीरेन्द्र वीर सिंह } said...

मंदिर मस्जिद बैर कराते मेल कराती मधुशाला
फतवा देने वाले इस गति से चल रहे है की कहीं पैगम्बर मोहम्मद साहब के ही खिलाफ फतवा न दे दे

Rachna Singh said...

kahii hamaari haldi ko patent kar rahey ahen , kahii hamaarey baasmati ko patent kar rahey haen
ab madhushala par fatwa .

sharab aur non veg ki khapat kin mulko mae sabse jyaada haen suresh ji please is par research karaey aur ha sab ka gyan bhadhae .

ek esa sach samney aayega jo batayaega ki kehaa kyaa kyaa manaa haen { mera matlab kis dharm mae aur wahii kiyaa jaataa haen jo maanaa haen }

bahut afsos hua kyuki madhushala jaese pustak centuries mae koi ek likhi jaatee haen

अनुनाद सिंह said...

गहराई से विचार किया जाय तो सारी सभ्यता ही इस्लाम के खिलाफ़ है. इसीलिये तो मोहमद (मोह + मद) का ऐलान था कि जो मेरे बताए 'खुदा' पर यकीन नहीं मानता वह परिभाषा के अनुसार 'काफ़िर' है और उसे जिन्दा रहने का अधिकार नहीं है।

गगन शर्मा, कुछ अलग सा said...

होना क्या है। डिग्री धारी अनपढ़ों से समिक्षा करवाई जायेगी। जो अपने आकओं के इशारे पर उनका चाहा हुआ कहेंगे, और चूंकि यह किसी की भावनाओं को आहत करती पाई जायेगी सो इसकी उन पंक्तियों को हटाने को कहा जाएगा नही तो 'जनहित' में पुस्तक ही बैन कर दी जाएगी।

अमिताभ मीत said...

अनुनाद जी की बात से पूरी तरह सहमत. अब बस इंतज़ार करें ... लाइन लगी ही समझें.....

राज भाटिय़ा said...

अनुनाद सिंह जी की बात से मै भी सहमत हू.
आप ने बहुत ही अच्छी बात उठाई है.
धन्यवाद

RAJ SINH said...

HAMNE TO APNE BLOG PE PAHLE HEE IS KUCHKRA KO THEL DIYA HAI ! DEKH LEN.........BATLA HOUSE KE BLOGGERON SE......