वंदे मातरम्!
सुजलाम्, सुफलाम्, मलयज शीतलाम्,
शस्यश्यामलाम्, मातरम्!
शुभ्रज्योत्सनाम् पुलकितयामिनीम्,
फुल्लकुसुमित द्रुमदल शोभिनीम्,
सुहासिनीम् सुमधुर भाषिणीम्,
सुखदाम् वरदाम्, मातरम्!
वंदे मातरम्!॥
सुजलाम्, सुफलाम्, मलयज शीतलाम्,
शस्यश्यामलाम्, मातरम्!
शुभ्रज्योत्सनाम् पुलकितयामिनीम्,
फुल्लकुसुमित द्रुमदल शोभिनीम्,
सुहासिनीम् सुमधुर भाषिणीम्,
सुखदाम् वरदाम्, मातरम्!
वंदे मातरम्!॥
I bow to thee, Mother,
richly-watered, richly-fruited,
cool with the winds of the south,
dark with the crops of the harvests, the Mother!
Her nights rejoicing in the glory of the
moonlight,
her lands clothed beautifully with her trees in flowering bloom,
sweet of laughter, sweet
of speech,
the Mother, giver of boons,
giver of bliss.
6 comments:
माननीय गुप्ता साहब, पूरे वंदे मातरम को अपनी किसी अन्य पोस्ट में दीजियेगा.पढकर अच्छा लगा.
'वन्दे-मातरम्' मातृभूमि की वन्दना है और माँ की वन्दना किसी भी धर्म में अपराध नहीं है। हमारे पुरखे जब आजादी के लिये संघर्ष कर रहे थे तो 'वन्दे-मातरम्' ही उनका नारा था। हमें गर्व है कई मुसलमानों ने इसे गाया और मेरे देश को आजादी दिलायी। यह गीत हमें हमेशा इन शहीदों की याद दिलाता है। मुझे गर्व है 'वन्दे-मातरम्' पर और हम इसका सहर्ष गायन करेंगे।
"जननी जन्मभूमिश्च स्वर्गदपी गरीयसी"
फ़िर से गुस्ताखी हो रही है पर आपने राष्ट्रीय गीत सही ढंग से नही लिखा है ऐसा हमारा सोचना है.
हमारा ख्याल है कि अगर हिज्जे की कमियां सुधारी जातीं तो बेहतर होता
हमारी सोच है कि इस गीत को इस तरह से लिखा जाय तो ज्यादा सही लगेगा
वंदे मातरम्!
सुजलाम्, सुफलाम्, मलयज शीतलाम्,
शस्यश्यामलाम्, मातरम्!
शुभ्रज्योत्सनाम् पुलकितयामिनीम्,
फुल्लकुसुमित द्रुमदल शोभिनीम्,
सुहासिनीम् सुमधुर भाषिणीम्,
सुखदाम् वरदाम्, मातरम्!
वंदे मातरम्!॥
अगर हमारे लेखन में कमी नजर आए तो जरूर बताइयेगा
रौशन जी, धन्यवाद. मैंने रोमन लिपि में लिखे राष्ट्रगीत को गूगल ट्रांस्लितिरेशन पर देवनागिरी लिपि में लिखा, इस कारण हिज्जों में गलती हो गईं. आप ने जैसा लिखा बैसा सुधार किया है. कृपया देखें और बताएं कि इस बार सही है या नहीं.
भूल सुधार के लिए एक बार फ़िर धन्यवाद.
" bhut sunder accha lga pdh kr"
Regards
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