कल रात सपने में ईश्वर आए. मैंने उन्हें प्रणाम किया, उन्होंने आशीर्वाद दिया, 'सुखी रहो और सबसे प्रेम करो'.
उन्होंने कहा, 'तुम ब्लाग लिखते हो, आज वह लिखना जो मैं तुम्हें अभी कहने जा रहा हूँ'.
मैंने कहा, 'जैसी आपकी आज्ञा'.
वह बोलते रहे, मैं लिखता रहा.
"तुम जो करते हो वह तुम्हारे एकाउंट में जमा हो जाता है, तुम प्रेम करते हो तो प्रेम,नफरत करते हो तो नफरत. जितना प्रेम तुम्हारे एकाउंट में होगा उतना लोग तुमसे प्रेम करेंगे. इसी तरह जितनी नफरत तुम्हारे एकाउंट में होगी उतना लोग तुमसे नफरत करेंगे. अगर तुमने किसी की हत्या कर दी तो बदले में कोई तुम्हारी हत्या करेगा. जितनी बार तुम हत्या करोगे उतनी ही बार तुम्हारी हत्या होगी. जितनी बार तुम किसी की मदद करोगे उतनी ही बार लोग तुम्हारी मदद करेंगे.
तुम जिस दुनिया में रहते हो, अपराध करके उस दुनिया के कानून से बच सकते हो, पर मेरे कानून से नहीं बचोगे. तुम्हारा जरा सा अपराध भी मुझसे छिपा नहीं रहता. तुम मन में किसी के बारे में बुरा सोचते हो, किसी के बारे में बुरा कहते हो, किसी का बुरा करते हो, यह सब अपराध हैं और इन सब अपराधों की सजा मिलेगी. मेरा नाम लेकर तुम जो अपराध करते हो, वह सबसे बड़ा अपराध है. उसकी सजा भी बहुत भयंकर है.
संभल जाओ, मैं बार-बार समझाने नहीं आऊंगा."
ईश्वर की आज्ञानुसार मैंने यह सब ब्लाग पर लिख दिया, अब आप जानो और आपका ईश्वर जाने.
12 comments:
sahi kehte hai ishwar,hum jo karte hai uska khata jama hota hai unkepaas,bahut hi achhe vichar aur post
मेरा नाम लेकर तुम जो अपराध करते हो, वह सबसे बड़ा अपराध है. उसकी सजा भी बहुत भयंकर है.
संभल जाओ, मैं बार-बार समझाने नहीं आऊंगा
" sach kha ishwar ney, or ishwar ke chaitavnee ko smejna bhut jruree hai...vo bhee smey rehte.."
Regards
ईश्वर को उन लोगों को समझाना चाहिए , जो वास्तव में गुनाहगार हैं । हम गरीबों को समझाकर क्या होगा ?
सत्य वचन, सुन्दर लेखन
संगीता जी, क्या कोई है ऐसा इस दुनिया में जिस ने कभी न कभी कोई न कोई गुनाह न किया हो?
सही समझाईश. आपको बधाई ईश्वर के प्रवक्ता नियुक्त होने पर. मिठाई बांटी जाये. :)
बहुत अच्छा लिखा है.
पहला पत्थर वही मारे जो पापी न हो
ईश्वर तो समय-समय पर ऐसी बातें सबसे कहता रहता है. सब इंसान ईश्वर के प्रवक्ता ही तो हैं. हम उस की बात पर अमल करें यह चाहता है वह.
bahut umda lekh
सुरेश जी बहुत सुंदर , एक बार मेरे बेटे ने मुझ से पुछा पापा भगवान कहा है,तो मेने कहा हमारे दिल मे, बच्चा बहुत हेरान हुआ, ओर पुछा वो हमारी सब बाते सुनता है? मेने कहा हां ओर तुम्हे गलत काम से रोकता भी है? अब बच्चा ओर भी हेरान हुआ, ओर बोला केसे, मेने कहा बेटा जब भी हम कोई भी गलत काम करते है, तो एक पल के लिये हमारे अंदर से एक आवाज आती है, यह काम मत करो, लेकिन यह आवाज बहुत मधंम सी होती है, बेटा झट से बोला हां पापा आती है, तो मेने कहा बेटा यह आवाज हामारी आत्मा से आती है, ओर आत्मा ही प्र्मातमा है,
काश आप का सपना हम सब को आये, हम सब ही अपराधी है,अगर ही इतने अच्छे होते तो यही स्वर्ग होता.
धन्यवाद
अगर आदमी को ये समझ आ जाए तो एक बार फ़िर वो इंसान हो जायेगा
बहुत अच्छे शब्दों में समझाया गया है .बधाई
Post a Comment