बहुत कोशिशों के बाद भी कांग्रेस यूपी में अपनी सरकार नहीं बना पा रही है. यह कांग्रेस और उसकी मालकिन के लिए बहुत हो निराशा की बात है. कुछ लोग इसे शर्म की बात भी कहते हैं. जिन्होनें ने भारत के प्रधान मंत्री और राष्ट्रपति मनोनीत किए वह यूपी के मुख्यमंत्री को मनोनीत नहीं कर सकीं. मुझे कांग्रेस से सहानुभूति है, इस लिए मैंने एक्स्ट्रा समय निकाल कर इस पर बहुत सोच-विचार किया. इस सोच-विचार का परिणाम यह निकला कि मुझे दो रास्ते नजर आए जिन पर चल कर कांग्रेस यूपी में अपनी सरकार बना सकती है.
पहला रास्ता - कांग्रेस मायावती को प्रधान मंत्री बना दे, और बदले में मायावती मनमोहन सिंह को यूपी का मुख्य मंत्री बना दे.
दूसरा रास्ता - कांग्रेस यूपी को दो हिस्सों में बाँट दे, एक हिस्से में रायबरेली और अमेठी, तथा दूसरे हिस्से में बाकी बचा यूपी. दूसरे हिस्से का नाम मायावती प्रदेश रख दिया जाय और मायावती को उसका आजीवन मुख्य मंत्री बना दिया जाय. पहले हिस्से का नाम यूपी रहने दिया जाय. वहां पहले से ही परिवार जीता हुआ है. कांग्रेस अपनी सरकार बना ले.
6 comments:
मजा आ गया पढकर, बहुत अच्छा लिखा है सर.कांग्रेस की सरकार उ०प्र० में.
aapki lekhani kamal ki hai bahot hi umda ........
regards
arsh
बहुत खुब ,
धन्यवाद
जब उत्तर प्रदेश का सोचना ही था तो भाजपा के बारे में सोचते कांग्रेस तो फ़िर भी दो सीटों पर है भाजपा की सोचिये
रौशन जी, भाजपा के बारे में आप सोचिये न, कुछ हम सोचें और कुछ आप सोचें. आप का भी तो कुछ कर्तव्य बनता है इस देश के लिए.
सुरेश जी हमारा सोचना है कि सब कुछ सलीके से रहना ज्यादा बेहतर होता है आप हमारे ब्लॉग पर आए हमें अच्छा लगा पर वहां की टिप्पणी वहां उस पोस्ट के लिए अप्रासंगिक थी. अगर हमने आपके ब्लॉग पर कोई टिप्पणी की है तो यकीन मानिये प्रति टिप्पणी देखने जरूर आयेंगे और जरूरी समझेंगे तो जवाब भी देंगे इसलिए आपको हमारे ब्लॉग पर आ कर हमें आमंत्रित करने की आवश्यकता नही है. अगर आपको वहां टिप्पणी करनी है तो वहां के कंटेंट पर करें तो ज्यादा बेहतर होगा.
खैर हमारी जिम्मेदारी याद दिलाने के लिए शुक्रिया भाजपा के बारे में हम बहुत दिन से सोच रहे हैं और कोशिश करेंगे कि आने वाले समय में आपकी सलाह पर अमल करते हुए कुछ लिखें क्या है कि कुछ चीजों के बारे में लिखने का दिल नही करता लेकिन अब जिम्मेदारी तो निभानी ही पड़ेगी .
मार्ग दर्शन के लिए आभार स्वीकार करें
और हाँ अगर सम्भव हो तो उस अप्रासंगिक टिप्पणी को वहां से हटा दें यह सिर्फ़ अनुरोध है. हम मानते हैं कि हमारे लेखन पर टिप्पणी करने या न करने का आपका अधिकार है पर कुछ अप्रासंगिक कहना तो उचित नही होगा न !
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