दैनिक प्रार्थना

हमारे मन में सबके प्रति प्रेम, सहानुभूति, मित्रता और शांतिपूर्वक साथ रहने का भाव हो


दैनिक प्रार्थना

है आद्य्शक्ति, जगत्जन्नी, कल्याणकारिणी, विघ्न्हारिणी माँ,
सब पर कृपा करो, दया करो, कुशल-मंगल करो,
सब सुखी हों, स्वस्थ हों, सानंद हों, दीर्घायु हों,
सबके मन में संतोष हो, परोपकार की भावना हो,
आपके चरणों में सब की भक्ति बनी रहे,
सबके मन में एक दूसरे के प्रति प्रेम भाव हो,
सहानुभूति की भावना हो, आदर की भावना हो,
मिल-जुल कर शान्ति पूर्वक एक साथ रहने की भावना हो,
माँ सबके मन में निवास करो.

Sunday 31 August, 2008

हास्य-व्यंग

ब्लागर मित्रों,
आज के तनाव पूर्ण समाज में हास्य-व्यंग का एक महत्वपूर्ण स्थान है। हँसी कुछ देर के लिए तनाव कम कर देती है। इसलिए मैंने हास्य-व्यंग पर एक नया ब्लाग शुरू किया है। हंसने के लिए इस ब्लाग पर आइये। क्लिक करें:

हास्य-व्यंग

3 comments:

Anil Pusadkar said...

achha prayas hai,shubhkamnayen

dpkraj said...

आपका यह प्रयास सराहनीय है
दीपक भारतदीप

Nitish Raj said...

चलिए अच्छी शुरूआत है हसना जरूरी है।