एक व्यक्ति मनोचिकित्सक के पास गया और पूछा, 'आप यह कैसे तय करते हैं कि कोई व्यक्ति मानसिक रूप से बीमार है और उसे मनो-चिकित्सा की जरूरत है'.
मनोचिकित्सक ने कहा, 'हम एक टब को पानी से भर देते हैं. मरीज को एक चम्मच, एक मग और एक बाल्टी दे देते हैं और कहते हैं कि वह इनमें से कोई एक चुन ले और टब से सारा पानी बाहर निकाल दे'.
'यह तो बहुत आसान है', वह व्यक्ति बोला, 'जाहिर है एक सामान्य इंसान बाल्टी चुनेगा, क्योंकि बाल्टी से पानी जल्दी निकाला जा सकता है'.
'नहीं' मनोचिकित्सक ने कहा, 'एक सामान्य इंसान टब से पानी बाहर जाने का प्लग निकाल देगा'.
पति ने कहा, 'अजी सुनती हो, राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री और सोनिया गाँधी ने ओलम्पिक में कांस्य पदक विजेताओं के साथ फोटो खिंचवाए.
पत्नी - अब इतना तो कर ही सकते हैं. उनकी विजय में तो इनका कोई हाथ है नहीं.
पति - हाँ यह तो सही है. भारत शायद ऐसा अकेला देश होगा जिसमें पदक जीतने में सरकार और सम्बंधित संस्थाओं का कोई हाथ न हो. तीनों पदक विजेता अपनी छमता पर पदक जीत लाये. अब सब इस का क्रेडिट लेने पर लगे हैं.
पति - वोह कहते हैं 'भारत में इस्लाम खतरे में है', और उसे बचाने के लिए बम विस्फोट करके कितने ही निर्दोष लोगों की जान ले लेते हैं.
पत्नी - इसे कहते हैं, उल्टा चोर कोतवाल को डाटे .
पति - तुम ठीक कहती हो. अब तो इस्लाम ही भारत के लिए खतरा बनता जा रहा है.
पति - अडवाणी के पत्र का जवाब दिया है मनमोहन ने.
पत्नी - अच्छा. यह तो यकीनन कमाल हो गया. अडवाणी का तो नाम ही सुनकर मनमोहन का मुहं कड़वा हो जाता है. पर मसला क्या था?
पति - वही जम्मू और कश्मीर का.
पत्नी - अरे यह तो और कमाल हो गया. मनमोहन को तो सपने में भी बस परमाणु करार ही नजर आता है. दूसरी कोई समस्या ही नहीं है उनके लिए. बैसे उनकी दुखती रग पर हाथ रख दिया अडवानी ने. बेचारे मनमोहन को हिन्दुओं के पक्ष में भी कुछ कहना पड़ा होगा.
पति - तुम सही कहती हो. 'मुसलमानों का इस देश की हर चीज़ पर पहला अधिकार है' कहने के बाद हिन्दुओं के लिए तो कुछ बचा ही नहीं. थोड़ी सी जमीन भी नहीं मिल सकती हिंदू यात्रियों की सुविधा के लिए इस देश में.
हर व्यक्ति कवि है. अक्सर यह कवि कानों में फुसफुसाता है. कुछ सुनते हैं, कुछ नहीं सुनते. जो सुनते हैं वह शब्द दे देते हैं इस फुसफुसाहट को. एक और पुष्प खिल जाता है काव्य कुञ्ज में.
दैनिक प्रार्थना
हमारे मन में सबके प्रति प्रेम, सहानुभूति, मित्रता और शांतिपूर्वक साथ रहने का भाव हो
दैनिक प्रार्थना
है आद्य्शक्ति, जगत्जन्नी, कल्याणकारिणी, विघ्न्हारिणी माँ,
सब पर कृपा करो, दया करो, कुशल-मंगल करो,
सब सुखी हों, स्वस्थ हों, सानंद हों, दीर्घायु हों,
सबके मन में संतोष हो, परोपकार की भावना हो,
आपके चरणों में सब की भक्ति बनी रहे,
सबके मन में एक दूसरे के प्रति प्रेम भाव हो,
सहानुभूति की भावना हो, आदर की भावना हो,
मिल-जुल कर शान्ति पूर्वक एक साथ रहने की भावना हो,
माँ सबके मन में निवास करो.
सब पर कृपा करो, दया करो, कुशल-मंगल करो,
सब सुखी हों, स्वस्थ हों, सानंद हों, दीर्घायु हों,
सबके मन में संतोष हो, परोपकार की भावना हो,
आपके चरणों में सब की भक्ति बनी रहे,
सबके मन में एक दूसरे के प्रति प्रेम भाव हो,
सहानुभूति की भावना हो, आदर की भावना हो,
मिल-जुल कर शान्ति पूर्वक एक साथ रहने की भावना हो,
माँ सबके मन में निवास करो.
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4 comments:
sahi kaha sir, pahla hak to mool niwasiyon kaa hi hai aur asal deshbhakton ka hai, yeh hindoo n jaane kahan se aa gaye
इन नेताओं के साथ अभिनव बिन्द्रा तो अपना फोटो खिंचाने नहीं आया.
क्योंकि उसे इन स्वनामधन्यों की हकीकत मालूम है.
जय हो भारतीय राजनीती और राजनीतिज्ञों की !!
:)
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