मेरी पिछली पोस्ट में मैंने कहा था कि क्या सरकार आतंकवादियों के साथ है? अब सिमी पर पाबंदी के मसले पर जो हुआ उस से सरकार फ़िर एक बार कटघरे में खड़ी नजर आ रही है. यह अच्छा हुआ कि सुप्रीम कोर्ट ने इस पाबंदी को बरकरार रखा बरना सरकार ने तो पाबंदी ख़त्म कराने का पूरा इंतज़ाम कर दिया था. लगता है सरकार की समय गणना गड़बड़ हो गई और ट्रिब्यूनल का फ़ैसला बंगलौर और अहमदाबाद में आतंकी हमलों के तुंरत बाद आया. सरकार को अपनी शर्म छिपाने के लिए अदालत में जाना पड़ा. किसी और वक्त यह फ़ैसला आया होता तो सिमी तो साफ़ छूट गई थी.
इस शक को इस बात से भी बल मिलता है कि सरकार की एक साझी पार्टी के नेता और सरकार में मंत्री लालू प्रसाद इस मसले पर वोट की घटिया राजनीति करने से नहीं चूके. उन्होंने इस मसले में आरएसएस, शिव सेना को घसीटने की कोशिश की है, और यह भी कहा है की वह सिमी पर पाबंदी के हक में नहीं हैं. अगर उन्हें सरकार के इस फैसले से ऐतराज है तो उन्हें सरकार से हट जाना चाहिये, पर ऐसा वह नहीं करेंगे क्योंकि उनका स्वार्थ सिर्फ़ ख़ुद को मुसलमानों का हमदर्द दिखाना भर है.
हर व्यक्ति कवि है. अक्सर यह कवि कानों में फुसफुसाता है. कुछ सुनते हैं, कुछ नहीं सुनते. जो सुनते हैं वह शब्द दे देते हैं इस फुसफुसाहट को. एक और पुष्प खिल जाता है काव्य कुञ्ज में.
दैनिक प्रार्थना
हमारे मन में सबके प्रति प्रेम, सहानुभूति, मित्रता और शांतिपूर्वक साथ रहने का भाव हो
दैनिक प्रार्थना
है आद्य्शक्ति, जगत्जन्नी, कल्याणकारिणी, विघ्न्हारिणी माँ,
सब पर कृपा करो, दया करो, कुशल-मंगल करो,
सब सुखी हों, स्वस्थ हों, सानंद हों, दीर्घायु हों,
सबके मन में संतोष हो, परोपकार की भावना हो,
आपके चरणों में सब की भक्ति बनी रहे,
सबके मन में एक दूसरे के प्रति प्रेम भाव हो,
सहानुभूति की भावना हो, आदर की भावना हो,
मिल-जुल कर शान्ति पूर्वक एक साथ रहने की भावना हो,
माँ सबके मन में निवास करो.
सब पर कृपा करो, दया करो, कुशल-मंगल करो,
सब सुखी हों, स्वस्थ हों, सानंद हों, दीर्घायु हों,
सबके मन में संतोष हो, परोपकार की भावना हो,
आपके चरणों में सब की भक्ति बनी रहे,
सबके मन में एक दूसरे के प्रति प्रेम भाव हो,
सहानुभूति की भावना हो, आदर की भावना हो,
मिल-जुल कर शान्ति पूर्वक एक साथ रहने की भावना हो,
माँ सबके मन में निवास करो.
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3 comments:
अहो, गद्दारी भी कितने तरह से की जा सकती है!!
अच्छी ख़बर ये है की सुप्रीम कोर्ट ने फ़िर पाबन्दी लगा दी है.......
कभी तो लगता है कि न्यायपालिका ही देश को दलों की गंदी राजनीति से बचाती है। अच्छा है स्टे फिर लगना।
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