दैनिक प्रार्थना

हमारे मन में सबके प्रति प्रेम, सहानुभूति, मित्रता और शांतिपूर्वक साथ रहने का भाव हो


दैनिक प्रार्थना

है आद्य्शक्ति, जगत्जन्नी, कल्याणकारिणी, विघ्न्हारिणी माँ,
सब पर कृपा करो, दया करो, कुशल-मंगल करो,
सब सुखी हों, स्वस्थ हों, सानंद हों, दीर्घायु हों,
सबके मन में संतोष हो, परोपकार की भावना हो,
आपके चरणों में सब की भक्ति बनी रहे,
सबके मन में एक दूसरे के प्रति प्रेम भाव हो,
सहानुभूति की भावना हो, आदर की भावना हो,
मिल-जुल कर शान्ति पूर्वक एक साथ रहने की भावना हो,
माँ सबके मन में निवास करो.

Thursday, 12 June 2008

नारी सशक्तिकरण की परिभाषा

नारी सशक्तिकरण की परिभाषा उन्होंने कुछ इस तरह की:
"हर वह काम करना जो पुरूष करते हैं,
हर वह काम न करना जो पुरूष नहीं करते".

मैंने कहा आप का सोच भी अजीब है. इस पुरूष प्रधान समाज में, नारी सशक्तिकरण भी क्या पुरूष प्रधानता के साये में ही होगा? क्या नारी स्वयं को पुरूष से अलग करके नहीं देख सकती? एक स्वतंत्र व्यक्तित्व जो पुरूष को पूर्णत्व प्रदान करता है, उस से स्वयं की तुलना नहीं करता.

2 comments:

बालकिशन said...

सही लिखा आपने.
सहमत हूँ.

Anonymous said...

नारी सशक्तिकरण या वूमन एम्पोवेर्मेंट का बहुत सीधा अर्थ हैं की नारी और पुरूष इस दुनिया मे बराबर हैं और ये बराबरी उन्हे प्रकृति से मिली है। नारी सशक्तिकरण या वूमन एम्पोवेर्मेंट के तहत कोई भी नारी किसी भी पुरूष से कुछ नहीं चाहती और ना समाज से कुछ चाहती हैं क्योकि वह अस्वीकार करती हैं की पुरूष उसका "मालिक " हैं ।
आगे यहाँ पढे

नारी सशक्तिकरण " की समर्थक नारियाँ किसी की आँख की किरकिरी नहीं हैं