दैनिक प्रार्थना

हमारे मन में सबके प्रति प्रेम, सहानुभूति, मित्रता और शांतिपूर्वक साथ रहने का भाव हो


दैनिक प्रार्थना

है आद्य्शक्ति, जगत्जन्नी, कल्याणकारिणी, विघ्न्हारिणी माँ,
सब पर कृपा करो, दया करो, कुशल-मंगल करो,
सब सुखी हों, स्वस्थ हों, सानंद हों, दीर्घायु हों,
सबके मन में संतोष हो, परोपकार की भावना हो,
आपके चरणों में सब की भक्ति बनी रहे,
सबके मन में एक दूसरे के प्रति प्रेम भाव हो,
सहानुभूति की भावना हो, आदर की भावना हो,
मिल-जुल कर शान्ति पूर्वक एक साथ रहने की भावना हो,
माँ सबके मन में निवास करो.

Thursday 19 June, 2008

या गुंडई तेरा ही आसरा

एक आन्दोलन हुआ. राष्ट्र की संपत्ति नष्ट की गई. रेल की पटरियाँ उखाड़ी गईं. आवागमन ठप्प कर दिया गया. आम आदमियों को जम कर तकलीफ पहुंचाई गई. करीब चालीस आदमी मारे गए. व्यापार को नुक्सान हुआ. फ़िर बातचीत शुरू हुई और समझौता हो गया. सब खुश हो गए. एक दूसरे को धन्यवाद दिए गए, तारीफ़ की गई. गुंडई का मीठा फल मिला. कुछ और ने धमकी दी कि अगर इन्हें मीठा फल दिया गया तो हम भी गुंडई करेंगे. सो समझोते में उन्हें भी मीठा फल दे दिया गया. वह भी खुश हो गए.

गुंडई देवी की जय.

4 comments:

संजय बेंगाणी said...

लोगो को हुई असुविधा के लिए माफी माँगी गई है.


अजब सा मजाक है यह.

तोड़फोड़ नींदनीय हरहाल में है.

Suresh Gupta said...

संजय जी, जैसे लालू की रेल में कहा जाता है. यात्री परेशान है,रेल दस घंटे लेट है. सारे कार्यक्रम बिगड़ गए हैं. एक मीठी सी आवाज कहती है, 'आपको हुई असुविधा के लिए हमें खेद है'.

Udan Tashtari said...

नौटंकी है सब..बहुत दुख होता है यह सब देख कर.

रवि रतलामी said...

सोचिए कि पूरे 27 दिन बाद मुम्बई - दिल्ली रेल लाइन खुली. ये तो सीधे देश को बंधक बनाया गया था, परंतु सरकार के सिर जूं नहीं रेंगी. हद है!