कल शनिवार, १४ जून २००८ को मनमोहन जी की सब से हरी-भरी, साफ-सुथरी और सुंदर दिल्ली के पश्चिम विहार, बी जी ३ ब्लाक में एक नए कूड़ेदान का उदघाटन हुआ. यह उदघाटन किसी नेता के कर-कमलों द्वारा नहीं हुआ. बस इस ब्लाक के निवासी एक वरिष्ट नागरिक के मन में आया की सामने सरक पर एक नए कूड़ेदान का उदघाटन कर दिया जाए. बस वह उठे, घर का सारा कूड़ा दो प्लास्टिक की थेलिओं में समेटा और चल पड़े इस महान कार्य को सम्पन्न करने.
उदघाटन समारोह में तीन गायें और एक कौवा थे. मैं पार्क से सैर करके लौट रहा था. मैंने जब इस महान कार्य को देखा तो इस की फोटो खींचने के लिए अपना केमरा निकाला. पर तब तक वह वरिष्ट नागरिक अपना कार्य संपन्न कर अपने घर में घुस चुके थे. फोटो में आए सिर्फ़ मेहमान नाश्ता करते हुए।
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आज रविवार की फोटो देखिये. कूड़ेदान खूब तरक्की कर रहा है।
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2 comments:
umda vyang.....hai...
क्रिशन चंदर की एक कहानी पढ़ी थी, थूकदान. इस कहानी में लेखक को हर आदमी एक थूकदान नजर आता है. लगता है अब थूकदान के साथ-साथ इंसान कूड़ादान भी हो गया है.
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