दैनिक प्रार्थना

हमारे मन में सबके प्रति प्रेम, सहानुभूति, मित्रता और शांतिपूर्वक साथ रहने का भाव हो


दैनिक प्रार्थना

है आद्य्शक्ति, जगत्जन्नी, कल्याणकारिणी, विघ्न्हारिणी माँ,
सब पर कृपा करो, दया करो, कुशल-मंगल करो,
सब सुखी हों, स्वस्थ हों, सानंद हों, दीर्घायु हों,
सबके मन में संतोष हो, परोपकार की भावना हो,
आपके चरणों में सब की भक्ति बनी रहे,
सबके मन में एक दूसरे के प्रति प्रेम भाव हो,
सहानुभूति की भावना हो, आदर की भावना हो,
मिल-जुल कर शान्ति पूर्वक एक साथ रहने की भावना हो,
माँ सबके मन में निवास करो.

Sunday 15 June, 2008

एक नए कूड़ेदान का उदघाटन

कल शनिवार, १४ जून २००८ को मनमोहन जी की सब से हरी-भरी, साफ-सुथरी और सुंदर दिल्ली के पश्चिम विहार, बी जी ३ ब्लाक में एक नए कूड़ेदान का उदघाटन हुआ. यह उदघाटन किसी नेता के कर-कमलों द्वारा नहीं हुआ. बस इस ब्लाक के निवासी एक वरिष्ट नागरिक के मन में आया की सामने सरक पर एक नए कूड़ेदान का उदघाटन कर दिया जाए. बस वह उठे, घर का सारा कूड़ा दो प्लास्टिक की थेलिओं में समेटा और चल पड़े इस महान कार्य को सम्पन्न करने.

उदघाटन समारोह में तीन गायें और एक कौवा थे. मैं पार्क से सैर करके लौट रहा था. मैंने जब इस महान कार्य को देखा तो इस की फोटो खींचने के लिए अपना केमरा निकाला. पर तब तक वह वरिष्ट नागरिक अपना कार्य संपन्न कर अपने घर में घुस चुके थे. फोटो में आए सिर्फ़ मेहमान नाश्ता करते हुए।

आज रविवार की फोटो देखिये. कूड़ेदान खूब तरक्की कर रहा है।

2 comments:

डॉ .अनुराग said...

umda vyang.....hai...

Unknown said...

क्रिशन चंदर की एक कहानी पढ़ी थी, थूकदान. इस कहानी में लेखक को हर आदमी एक थूकदान नजर आता है. लगता है अब थूकदान के साथ-साथ इंसान कूड़ादान भी हो गया है.