मां-वापू,
क्यों कहते हो मुझे पराया धन?
तुमने मुझे जन्म दिया,
पाल पोस कर बड़ा किया,
खून बहता है तुम्हारा मेरी रगों में,
किसी और को में जानती नहीं.
बताओ न मां-वापू,
कौन है वह जो मुझे तुम्हें दे गया?
कृष्ण को जन्म दिया देवकी ने,
पाला पोसा यशोदा ने,
क्या कृष्ण पराया धन थे?
देवकी का यशोदा के पास,
पर मेरे साथ तो ऐसा भी नहीं है,
मुझे तुम्हीं ने जन्म दिया,
तुम्हीं ने पाला पोसा,
फ़िर में कैसे हो गई पराया धन?
भईया की तरह में बेटी हूँ तुम्हारी,
उसे कभी नहीं कहा तुमने पराया धन,
मैं भी तुम्हारा अपना धन हूँ,
भईया की तरह,
मां-वापू,
मत कहो मुझे पराया धन,
जब तुम ऐसा कहते हो,
कलेजा कटता है मेरा.
2 comments:
bahut sundar, bhawnaon se ot-prot.
बेटिया पराया धन नही होती, अपने ही दिल का एक टुकडा होती है, लेकिन उसे किसी की अमानत समझ कर रखा जाता था, पबित्र, दुनिया की गन्दी नजरो से बचा कर, लेकिन आज कल मां बाप ही बेटी की कमाई खाते है... फ़र्क तो कुछ नही पडता हर किसी को ओर जिन्हे पडता है वो आज भी बेटी को एक अमानत ही समझते है,
धन्यवाद
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