उन्होंने कहा कि राम का कोई अस्तित्व नहीं है.
फ़िर बोले वह कि राम सेतु को राष्ट्रिय स्मारक नहीं माना जा सकता क्योंकि ऐसा केवल कुछ हिंदू कह रहे हैं, और ऐसा करके हम मुसलमानों को नाराज नहीं कर सकते.
फ़िर उन्होंने कहा कि राम ने १७ लाख साल पहले राम सेतु तोड़ दिया था.
कांग्रेस और कांग्रेस के वकील - कभी कुछ और कभी कुछ.
हिंदू बहुसंख्यक होकर भी अल्पसंख्यक हो गए हें.
मौलवियों ने आतंकवाद के ख़िलाफ़ फतवा जारी किया और आतंकवादी हमले और बढ़ गए.
लगता है फतवे दिखाने के और छुपाने के और.
सूरत में बम पेड़ों पर उग रहे हें, बाजारों में इधर-उधर बिखरे पड़े हें. परदे के पीछे केन्द्र सरकार मुस्कुरा रही है और फुसफुसा रही है, "गुजरात के बारे में हम क्यों चिंता करें, वहां तो वीजेपी है? जो हम नहीं कर सके वह आतंकवादी कर रहे हें."
दिल्ली विश्व विद्यालय में यौन शोषण करने वाले शिक्षकों की संख्या बढ़ती जा रही है. बिचारे छात्र, बाहर भी खतरा, अन्दर भी खतरा. अब कहाँ जाएँ वह?
उन्होंने अपनी पीआइएल में कहा, "राज्य का कर्तव्य है कि वह अपने नागरिकों को लाइसेंसशुदा दारु पिलाए". पता नहीं दिल्ली हाईकोर्ट क्यों नाराज हो गया? नागरिक दारु पीते और अपने गम भुलाते. मंहगाई, ब्लू लाइन, वाइक सवार लुटेरे, ऑटो वाले, गड्ढे वाली सड़कें, गायब विजली, गन्दा पानी, सड़क पर वीआइपी, आतंकवादियों का खतरा, शीला जी की फोटो रोज अखबार में, वरिष्ट नागरिकों पर हमले, बीआरटी कारीडोर, न जाने कितने गम हें दिल्लीवासियों को भुलाने के लिए.
वह अपने जीजाजी से शादी करना चाहती थी. इस लिए उसने अपनी बहन की हत्या कर दी. मुसलमानों में तो चार शादियाँ जायज हें. कहते हें प्यार अँधा होता है, पर क्या वह पढ़ भी नहीं सकता?
वह अपनी एक मित्र के साथ ऑटो में बैठ कर जा रही थीं. दो वाइक सवार उनका बेग छीनकर भाग गए. ऑटो वाले ने लुटेरों का पीछा किया. एक सिग्नल पर उन्होंने देखा कि दोनों लुटेरे सड़क के किनारे धायल पड़े हें. उनकी वाइक टूटी पड़ी है और पास ही में उनका बेग पड़ा है. उन्होंने तुंरत पुलिस को फ़ोन किया और धायलों को अस्पताल पहुंचाया. खबर के अनुसार दोनों की हालत चिंता जनक है. अगर लुटेरे बच गए तो शायद वह अपराध करना छोड़ देंगे.
दिल्ली नगर निगम के सदस्यों को एक करोड़ रुपया और मिलेगा जिसे वह अंधों की तरह अपने-अपनों में बाँट सकेंगे. कुल मिलाकर अब दो करोड़ हो गया. काफ़ी है एक साल के लिए. तनख्वाह तो अलग से मिलती ही है.
दिल्ली मेट्रो १३१ नई ट्रेन्स और चलाएगा. इनमें चार की जगह छः डिब्बे होंगे. लगभग ८ लाख यात्री रोज मेट्रो से यात्रा करते हें. मेट्रो लगभग ९० लाख रुपया रोज कमाती है. यह एक अच्छी बात राजधानी में हो रही है. पर इस में शीला जी का कोई हाथ नहीं है.
सीबीआई के डाइरेक्टर रिटायर हो रहे हें. जाने से पहले उन्होंने आरुशी मर्डर केस में सफलता का दावा किया. मेरे एक मित्र ने कहा आखरी वक्त में झूट नहीं बोलना चाहिए.
सोमनाथ दा ने जिस दिन यह कहा कि लोक सभा अध्यक्ष पार्टी से अलग होता है, उसी दिन उन्होंने पार्टी का सदस्यता शुल्क और अपनी आमदनी का ५ % पार्टी कोष में किया था. लगता है उनके अध्यक्ष पद से इस्तीफा न देने के पीछे कोई जबरदस्त चक्कर है. परमाणु करार को बचाने के लिए कोई छिपा हुआ करार. दादा भी आखिरकार राजनीतिबाज हें.
प्रधान मंत्री ने राष्ट्रपति से देश की आंतरिक सुरक्षा पर विचार विमर्श किया. क्या उन्होंने यह बताया होगा कि दिल्ली पुलिस महिलाओं और बच्चों की तलाशी ले रही है, और एक अखबार के अनुसार कहीं कोई सुरक्षा नहीं हो रही? या फ़िर उन्होंने कहा होगा कि सरकार सुरक्षित है, राष्ट्रपति सुरक्षित हें, और मैडम सुरक्षित हें.
एक खबर के अनुसार रिश्वतखोरों में मंत्री पदों का बंटवारा दो बार में किया जायेगा. किसी ने कहा सही तो है, एक बार में करते तो जनता के लिए डोज शायद ज्यादा हो जाती.
सरकार को विश्वासमत मिला, इसके लिए काफ़ी क्रेडिट समाजवादी पार्टी के मध्य प्रदेश के एक विधायक को जाता है. इस विधायक ने गुवाहाटी के कामाख्या देवी मन्दिर में ३०० बकरियों और भैंसों की बलि चढ़ाई. लगता है आज कल मेनका गांधी छुट्टी पर हें.
हर व्यक्ति कवि है. अक्सर यह कवि कानों में फुसफुसाता है. कुछ सुनते हैं, कुछ नहीं सुनते. जो सुनते हैं वह शब्द दे देते हैं इस फुसफुसाहट को. एक और पुष्प खिल जाता है काव्य कुञ्ज में.
दैनिक प्रार्थना
हमारे मन में सबके प्रति प्रेम, सहानुभूति, मित्रता और शांतिपूर्वक साथ रहने का भाव हो
दैनिक प्रार्थना
है आद्य्शक्ति, जगत्जन्नी, कल्याणकारिणी, विघ्न्हारिणी माँ,
सब पर कृपा करो, दया करो, कुशल-मंगल करो,
सब सुखी हों, स्वस्थ हों, सानंद हों, दीर्घायु हों,
सबके मन में संतोष हो, परोपकार की भावना हो,
आपके चरणों में सब की भक्ति बनी रहे,
सबके मन में एक दूसरे के प्रति प्रेम भाव हो,
सहानुभूति की भावना हो, आदर की भावना हो,
मिल-जुल कर शान्ति पूर्वक एक साथ रहने की भावना हो,
माँ सबके मन में निवास करो.
सब पर कृपा करो, दया करो, कुशल-मंगल करो,
सब सुखी हों, स्वस्थ हों, सानंद हों, दीर्घायु हों,
सबके मन में संतोष हो, परोपकार की भावना हो,
आपके चरणों में सब की भक्ति बनी रहे,
सबके मन में एक दूसरे के प्रति प्रेम भाव हो,
सहानुभूति की भावना हो, आदर की भावना हो,
मिल-जुल कर शान्ति पूर्वक एक साथ रहने की भावना हो,
माँ सबके मन में निवास करो.
Thursday, 31 July 2008
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3 comments:
बिल्कुल सटीक, करारी और मार्के की बात.
निराला अंदाज है आपका.
आपने बहुत ही सही बात कही है। लेख विचार प्रधान है तथा बहुत कुछ सोचने पर मज़बूर करता है।
सुरेश जी हमेशा की तरह से आप का लेख दिल मे उतर गया, धन्यवाद.
शुक्र सरकार को हम गरीबो की फ़िक्र थे तभी तो...एक खबर के अनुसार रिश्वतखोरों में मंत्री पदों का बंटवारा दो बार में किया जायेगा. किसी ने कहा सही तो है, एक बार में करते तो जनता के लिए डोज शायद ज्यादा हो जाती.
फ़िर से धन्यवाद
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