दैनिक प्रार्थना

हमारे मन में सबके प्रति प्रेम, सहानुभूति, मित्रता और शांतिपूर्वक साथ रहने का भाव हो


दैनिक प्रार्थना

है आद्य्शक्ति, जगत्जन्नी, कल्याणकारिणी, विघ्न्हारिणी माँ,
सब पर कृपा करो, दया करो, कुशल-मंगल करो,
सब सुखी हों, स्वस्थ हों, सानंद हों, दीर्घायु हों,
सबके मन में संतोष हो, परोपकार की भावना हो,
आपके चरणों में सब की भक्ति बनी रहे,
सबके मन में एक दूसरे के प्रति प्रेम भाव हो,
सहानुभूति की भावना हो, आदर की भावना हो,
मिल-जुल कर शान्ति पूर्वक एक साथ रहने की भावना हो,
माँ सबके मन में निवास करो.

Thursday 24 July, 2008

अब प्रधान मंत्री के पद में भी कोई चार्म नहीं रहा.

पिछले सप्ताह उन्होंने कहा कि मंत्री पद मांग कर शर्मिंदा न करें, यह बिल्कुल सम्भव नहीं होगा. इस सप्ताह मंत्री पद की मांग स्वीकार कर उन्होंने अपनी सरकार बचाई. अगले सप्ताह वह अपना वादा पूरा करेंगे. पाँच वोट बराबर दो मंत्री पद. राजनीति का गणित है यह.

उन्होंने कहा कि वर्तमान के उनके दो दुश्मन (यूपीऐ और एनडीऐ) मिल गए और उनसे प्रधान मंत्री बनने का मौका छीन लिया. भाई दूसरों को क्यों दोष देती हैं, गणित तो आपका ग़लत हो गया? बैसे भी अपनी सरकार बचाने के लिए मनमोहन जी आपकी सरकार तो नहीं बनबा देते. मुख्य मंत्री बन कर इन का यह सोच है तो प्रधान मंत्री बन कर क्या-क्या सोचेंगी यह?

सोमनाथ दा ने यह क्या किया? जीवन भर जिस पार्टी को मजबूत बनाया उसी पार्टी से अपमानित होकर निकलना पड़ा. ऐसा क्या कारण रहा होगा? किसी ने कहा, ऐसे सवालों के जवाब समय पर छोड़ देने चाहियें.

करात के एक झटके ने भारतीय राजनीति का रूप ही बदल दिया. कैसे-कैसे नमूने प्रधान मंत्री बनने के ख्वाब देखने लगे. अब प्रधान मंत्री के पद में भी कोई चार्म नहीं रहा.

दिल्ली पुलिस ने अपनी वेबसाईट पर अपनी खूब तारीफ़ की. जनता उस से सहमत हो या न हो, क्या फर्क पड़ता है. बैसे भी कौन जाता है इस वेबसाईट पर? दिल्ली निवासियों के लिए सबसे अच्छी ख़बर यह होगी कि दिल्ली पुलिस को चाँद पर भेज दिया गया.

कलावती के घर के सामने वाले घर के निवासी दिन भर खिड़की से बाहर झांकते रहे राहुल बाबा के इंतज़ार में, पर वह नहीं आए. बेचारे यह नहीं जानते कि राहुल बाबा राजनेता हैं. कलावती सिर्फ़ एक माध्यम थी वाह-वाही बटोरने के लिए.

अनुशासनहीनता के चार्ज पर पार्टी से निकाले गए स्पीकर महोदय दूसरी पार्टियों से इसी चार्ज पर निकाले गए लोक सभा सदस्यों की सदस्यता समाप्त करने पर निर्णय लेंगे.

सरकार ने लोक सभा का विश्वास जीतने में जनता का विश्वास खो दिया.

1 comment:

Advocate Rashmi saurana said...

aap bilkul sahi kah rhe hai.