आज एक ख़बर पढ़ी, पढ़ कर बहुत बुरा लगा. दिल्ली हाई कोर्ट उन अपराधिओं को सजा नहीं देना चाहता जो बच्चियों का बलात्कार करते हैं. अदालत चाहती है कि इन अपराधिओं को सुधारा जाए, सजा न दी जाए. जिन बच्चिओं का बलात्कार हुआ उनके बारे में किसी को चिंता नहीं है. उन पर क्या गुजरती है, उनके परिवार वालों पर क्या गुजरती है, इस के बारे में सोचने का अदालत के पास समय नहीं है या वह इसे जरूरी नहीं समझती.
एक एनजीओ के अनुसार, जितने बलात्कार भारत में होते हैं उनमें मात्र ४.८% केसों में अपराधियों को सजा मिल पाती है, अवयस्क लड़कियों के साथ हुए बलात्कार का प्रतिशत ५०% है. जरा सोचिये,पहले ही १०० बलात्कारों में पाँच अपराधियों को सजा मिल पाती है, और अब इन पाँच को भी अदालत सजा नहीं देगी. उन्हें सुधारा जायेगा. आगे क्या होगा, शायद कोई प्रगतिशील अदालत इन बलात्कारियों को ईनाम भी दे डाले.
हर व्यक्ति कवि है. अक्सर यह कवि कानों में फुसफुसाता है. कुछ सुनते हैं, कुछ नहीं सुनते. जो सुनते हैं वह शब्द दे देते हैं इस फुसफुसाहट को. एक और पुष्प खिल जाता है काव्य कुञ्ज में.
दैनिक प्रार्थना
हमारे मन में सबके प्रति प्रेम, सहानुभूति, मित्रता और शांतिपूर्वक साथ रहने का भाव हो
दैनिक प्रार्थना
है आद्य्शक्ति, जगत्जन्नी, कल्याणकारिणी, विघ्न्हारिणी माँ,
सब पर कृपा करो, दया करो, कुशल-मंगल करो,
सब सुखी हों, स्वस्थ हों, सानंद हों, दीर्घायु हों,
सबके मन में संतोष हो, परोपकार की भावना हो,
आपके चरणों में सब की भक्ति बनी रहे,
सबके मन में एक दूसरे के प्रति प्रेम भाव हो,
सहानुभूति की भावना हो, आदर की भावना हो,
मिल-जुल कर शान्ति पूर्वक एक साथ रहने की भावना हो,
माँ सबके मन में निवास करो.
सब पर कृपा करो, दया करो, कुशल-मंगल करो,
सब सुखी हों, स्वस्थ हों, सानंद हों, दीर्घायु हों,
सबके मन में संतोष हो, परोपकार की भावना हो,
आपके चरणों में सब की भक्ति बनी रहे,
सबके मन में एक दूसरे के प्रति प्रेम भाव हो,
सहानुभूति की भावना हो, आदर की भावना हो,
मिल-जुल कर शान्ति पूर्वक एक साथ रहने की भावना हो,
माँ सबके मन में निवास करो.
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6 comments:
हमारे देश मे कोई काम आज तक दिमाग से हुया हे जो अब होगा.
mai raj ji ki teep se sahamat hun.
aap ki baat sae sehmat hun ki balatkaari ko sajaa naa dena ek aur balatkaar kae liyae nimentrn bhejnae kae smaan hee haen
मैं पंचों की राय का सम्मान करता हूं।
sahi kha.
agar khabar sahi hai to vakai dukhad hai...
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