वह गए थे उनका घर बसाने,
उन्होंने उनका घर ही उजाड़ दिया,
नेता जी ने इसे कायरता करार दिया,
और कहा,
हमारे लोग उनका घर बसाने जाते रहेंगे,
क्यों नहीं?
नेता जी का घर थोड़े ही उजड़ा है?
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'उन्होंने मुझे कुत्ते से ज्यादा बुरा ट्रीट किया है',
उन्होंने यह कहा था तब,
'देश हित में उनकी सरकार बचानी है',
यह कह रहे हैं वह अब,
जब हो रहा है करार पर करार,
जरूर बचेगी उनकी सरकार.
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'अडवानी बुश से ज्यादा खतरनाक हैं',
इसलिए हम बुश के हाथ से मिलवायेंगे,
कांग्रेस का कटा हुआ हाथ,
पायेंगे ईनाम में कुछ मंत्रिपद,
जायेंगे हमारे ख़िलाफ़ मुकदमें ठंडे बस्ते में,
फ़िर से आएगी ताकत हमारी मुट्ठी में,
पर कर रहे हैं हम यह सब,
देश और जनता के हित में.
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कम्युनिष्टों के एक भूतपूर्व प्रसंशक ने कहा,
बहुत निराश किया हमें करात ने,
ताकत की मुट्ठी खोल दी,
फिसल गई ताकत मुलायम की मुट्ठी में,
बेबकूफी की ऐसी मिसाल कहीं देखी है आपने?
'म' से मनमोहन, 'म' से मार्क्सवादी,
अब हो गए,
'म' से मनमोहन, 'म' से मुलायम.
हर व्यक्ति कवि है. अक्सर यह कवि कानों में फुसफुसाता है. कुछ सुनते हैं, कुछ नहीं सुनते. जो सुनते हैं वह शब्द दे देते हैं इस फुसफुसाहट को. एक और पुष्प खिल जाता है काव्य कुञ्ज में.
दैनिक प्रार्थना
हमारे मन में सबके प्रति प्रेम, सहानुभूति, मित्रता और शांतिपूर्वक साथ रहने का भाव हो
दैनिक प्रार्थना
है आद्य्शक्ति, जगत्जन्नी, कल्याणकारिणी, विघ्न्हारिणी माँ,
सब पर कृपा करो, दया करो, कुशल-मंगल करो,
सब सुखी हों, स्वस्थ हों, सानंद हों, दीर्घायु हों,
सबके मन में संतोष हो, परोपकार की भावना हो,
आपके चरणों में सब की भक्ति बनी रहे,
सबके मन में एक दूसरे के प्रति प्रेम भाव हो,
सहानुभूति की भावना हो, आदर की भावना हो,
मिल-जुल कर शान्ति पूर्वक एक साथ रहने की भावना हो,
माँ सबके मन में निवास करो.
सब पर कृपा करो, दया करो, कुशल-मंगल करो,
सब सुखी हों, स्वस्थ हों, सानंद हों, दीर्घायु हों,
सबके मन में संतोष हो, परोपकार की भावना हो,
आपके चरणों में सब की भक्ति बनी रहे,
सबके मन में एक दूसरे के प्रति प्रेम भाव हो,
सहानुभूति की भावना हो, आदर की भावना हो,
मिल-जुल कर शान्ति पूर्वक एक साथ रहने की भावना हो,
माँ सबके मन में निवास करो.
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3 comments:
आप के लेखो मे हमेशा की तरह से एक सच्चई झलकती रहती हे, आप का धन्यवाद इन्सुन्दर कवितओ के लिये.
bhut sundar kavitaye. jari rhe.
करारा झटका.
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