
मकान तोड़ दिया उनका नगर निगम ने,
कवर कर दिया था उन्होंने बरांडा,
पड़ोसी प्रदेश की मुख्यमंत्री ने,
ढांचा ही बदल दिया सरकारी मकान का,
काफी कुछ नया बना दिया,
पर उनसे किसी ने पूछा तक नहीं,
जब अखबार मैं छपी ख़बर,
तब सरकार ने कहा हमें पता नहीं,
हमसे कोई इजाजत नहीं ली किसी ने.
अपने मकान मैं छोटा सा बदलाव,
और इतनी बड़ी सजा,
सरकारी मकान मैं तोड़ फोड़,
पर कोई सजा नहीं,
फ़िर भी यह दावा,
'कानून सब के लिए बराबर है'.
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