दैनिक प्रार्थना

हमारे मन में सबके प्रति प्रेम, सहानुभूति, मित्रता और शांतिपूर्वक साथ रहने का भाव हो


दैनिक प्रार्थना

है आद्य्शक्ति, जगत्जन्नी, कल्याणकारिणी, विघ्न्हारिणी माँ,
सब पर कृपा करो, दया करो, कुशल-मंगल करो,
सब सुखी हों, स्वस्थ हों, सानंद हों, दीर्घायु हों,
सबके मन में संतोष हो, परोपकार की भावना हो,
आपके चरणों में सब की भक्ति बनी रहे,
सबके मन में एक दूसरे के प्रति प्रेम भाव हो,
सहानुभूति की भावना हो, आदर की भावना हो,
मिल-जुल कर शान्ति पूर्वक एक साथ रहने की भावना हो,
माँ सबके मन में निवास करो.

Friday 11 September, 2009

मीठा-मीठा मैं, कड़वा-कड़वा तू


रोज सुबह दिल्ली के अखवारों में,
छपते हैं अनेक विज्ञापन,
सरकार का हर अच्छा काम,
दर्शाते हैं यह विज्ञापन,
और छपती है इन विज्ञापनों में,
मुख्य मंत्री की तस्वीर.

अखवार में निकला एक समाचार,
सरकार के एक स्कूल में,
भगदड़ मच गई,
पांच लड़कियां मर गईं,
चौतीस घायल हो गईं,
छह गंभीर रूप से,
कारण अवव्यवस्था, कुप्रशासन,
सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों की अवहेलना,
मतलब सरकार की गलती,
भुगती बच्चों ने.

नहीं छपा कोई विज्ञापन,
सरकार के इस बुरे काम पर,
मुख्य मंत्री की तस्वीर के साथ,
मात्र उन्होंने दुःख प्रकट किया,
और ज्यादा महान हो गईं.

और महान हो जायेंगी,
अगर जांच कराई तो,
बाबुओं को हो जायेगी सजा,
जनता को दिखाने को,
मीठा-मीठा मैं, कड़वा-कड़वा तू .


2 comments:

निर्मला कपिला said...

बैलकुल सही बहुत बडिया रचना है आभार्

राज भाटिय़ा said...

सच लिखा आप ने धन्यवाद