दैनिक प्रार्थना

हमारे मन में सबके प्रति प्रेम, सहानुभूति, मित्रता और शांतिपूर्वक साथ रहने का भाव हो


दैनिक प्रार्थना

है आद्य्शक्ति, जगत्जन्नी, कल्याणकारिणी, विघ्न्हारिणी माँ,
सब पर कृपा करो, दया करो, कुशल-मंगल करो,
सब सुखी हों, स्वस्थ हों, सानंद हों, दीर्घायु हों,
सबके मन में संतोष हो, परोपकार की भावना हो,
आपके चरणों में सब की भक्ति बनी रहे,
सबके मन में एक दूसरे के प्रति प्रेम भाव हो,
सहानुभूति की भावना हो, आदर की भावना हो,
मिल-जुल कर शान्ति पूर्वक एक साथ रहने की भावना हो,
माँ सबके मन में निवास करो.

Monday 24 August, 2009

ईश्वर की सच्ची पूजा

मानवीय संबंधों का आदर करो,
परिवार के प्रति कर्तव्यों का पालन करो,
यही ईश्वर की सच्ची पूजा है.

बड़ों का आदर करो,
उनके सुख दुःख का ध्यान रखो,
यही ईश्वर की सच्ची पूजा है.

बच्चों से प्रेम करो,
उन्हें सही शिक्षा दो,
यही ईश्वर की सच्ची पूजा है.

पड़ोसियों से प्रेम करो,
उनके लिए परेशानी का कारण मत बनो,
यही ईश्वर की सच्ची पूजा है.

समाज, राष्ट्र के प्रति बफादार रहो,
उन पर वोझ नहीं, सहायक बनो,
यही ईश्वर की सच्ची पूजा है.

किसी से नफरत नहीं, सबसे प्रेम करो,
हर जीव में ईश्वर का दर्शन करो,
यही ईश्वर की सच्ची पूजा है.

ईश्वर प्रेम है, प्रेम ईश्वर है,
प्रेम ईश्वर की सच्ची पूजा है.

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