दैनिक प्रार्थना

हमारे मन में सबके प्रति प्रेम, सहानुभूति, मित्रता और शांतिपूर्वक साथ रहने का भाव हो


दैनिक प्रार्थना

है आद्य्शक्ति, जगत्जन्नी, कल्याणकारिणी, विघ्न्हारिणी माँ,
सब पर कृपा करो, दया करो, कुशल-मंगल करो,
सब सुखी हों, स्वस्थ हों, सानंद हों, दीर्घायु हों,
सबके मन में संतोष हो, परोपकार की भावना हो,
आपके चरणों में सब की भक्ति बनी रहे,
सबके मन में एक दूसरे के प्रति प्रेम भाव हो,
सहानुभूति की भावना हो, आदर की भावना हो,
मिल-जुल कर शान्ति पूर्वक एक साथ रहने की भावना हो,
माँ सबके मन में निवास करो.

Sunday, 20 September 2009

आओ मजाक करें

मनमोहन जी ने कहा,
जो थरूर ने कहा,
मजाक में कहा.
शर्मा जी को अच्छा नहीं लगा,
वर्मा जी ने समझाया,
क्या गलत कहा?
बाबू और राजनीतिबाज,
मजाक ही तो करते हैं जनता से,
साठ साल हो गए यह मजाक होते,
पर आप अभी भी नहीं समझ पाए.
थरूर पहले बाबू थे,
अब राजनीतिबाज हो गए हैं,
सो मजाक कर रहे हैं जनता से,
यही हाल मनमोहन जी का है,
मजाक को समझा करो,
क्या हर समय बुरा मान जाते हो?
शर्मा जी बोले,
ठीक है भाई,
अब तुम भी मजाक कर लो.
देखें कितने दिन चलता है यह तमाशा,
खर्चा बचाने का,
और एक बात बताऊँ?
कल काली भेंस गोरी गाय से कह रही थी,
अब बर्दाश्त नहीं होतीं,
इंसान की यह हरकतें,
खुद को हमसे मिलाते हैं,
थरूर और मनमोहन
कभी मिल गए तो,
ऐसा सींग मारूंगी,
सब मजाक भूल जायेंगे.

2 comments:

M VERMA said...

अच्छा! तो ये मजाक था. मै तो समझा था वे गम्भीरता से बोले थे.

राज भाटिय़ा said...

कल काली भेंस गोरी गाय से कह रही थी,:)