दैनिक प्रार्थना

हमारे मन में सबके प्रति प्रेम, सहानुभूति, मित्रता और शांतिपूर्वक साथ रहने का भाव हो


दैनिक प्रार्थना

है आद्य्शक्ति, जगत्जन्नी, कल्याणकारिणी, विघ्न्हारिणी माँ,
सब पर कृपा करो, दया करो, कुशल-मंगल करो,
सब सुखी हों, स्वस्थ हों, सानंद हों, दीर्घायु हों,
सबके मन में संतोष हो, परोपकार की भावना हो,
आपके चरणों में सब की भक्ति बनी रहे,
सबके मन में एक दूसरे के प्रति प्रेम भाव हो,
सहानुभूति की भावना हो, आदर की भावना हो,
मिल-जुल कर शान्ति पूर्वक एक साथ रहने की भावना हो,
माँ सबके मन में निवास करो.

Saturday, 26 September 2009

चाँद खतरे में है

कल टीवी पर खबर देखी,
चाँद पर पानी मिला है,
देखते देखते सो गया,
आँख खुली तो देखा,
चाँद पर मीटिंग चल रही है,
बहुत चितित हैं चाँद वाले,
अब क्या होगा?
इंसान ने पहले धरती खराब की,
अब चाँद को खराब करेगा,
चाँद पर पहले से गड्ढे हैं,
पर इंसान आकर सड़क बनाएगा,
फिर उसमें गड्ढे करेगा,
चाँद पर साफ़ पानी है,
पर इंसान पहले उसे गन्दा करेगा,
फिर साफ़ करने के यंत्र लगायेगा,
ठीक करने के नाम पर,
सब गड़बड़ कर देगा,
छुपा लो पानी,
बचा लो चाँद को,
वर्ना पानी के चक्कर में इंसान,
चाँद को धरती बना देगा.

2 comments:

Arshia Ali said...

Sundar Vardan.
-------
दुर्गा पूजा एवं दशहरा की हार्दिक शुभकामनाएं।
( Treasurer-S. T. )

M VERMA said...

वर्ना पानी के चक्कर में इंसान,
चाँद को धरती बना देगा.
फितरत तो यही है आगे आगे देखिये होता है क्या