हमारे पड़ोस की एक महिला एक अजब शौक रखती थीं,
नए-नए गाउन पहनती थीं,
फ़िर सब को दिखाती फिरती थीं,
हमारी कालोनी में चार सब्जी वाले आते थे,
वह एक-एक कर गाउन बदलतीं,
हर सब्जी वाले से जम के मोल-भावः करतीं,
सब्जी उनके पति मंडी से लाते,
हर कबाड़ी से अखबार का रेट तय करतीं,
अखबार उन के पति पड़ोस से ले कर पढ़ते,
कालोनी में कुछ लोग कुत्ते पालते थे,
वह नए गाउन पहन कर कुत्तों को घुमातीं,
इस प्रकार सब को अपने गाउन दिखा पातीं.
धीरे-धीरे यह ख़बर चारों और फ़ैल गई,
वह 'गाउन वाली मेडम' मशहूर हो गईं,
एक दिन टीवी वाले आ गए,
उन के गाउन बदलते रहे,
टीवी वालों के केमरे चलते रहे,
चेक वाला गाउन, सब्जी का मोल-भावः,
स्ट्रिप वाला गाउन, कबाड़ी से झगड़ा,
लाल गाउन, वर्मा जी का कुत्ता,
हरा गाउन, शर्मा जी का पप्पी,
फ़िर शुरू हुआ सवाल-जवाब का सिलसिला,
आप शिक्षित हैं नौकरी क्यों नहीं करतीं?
दफ्तर में गाउन अलाउड नहीं है,
एक टीवी वाला बोला,
मेडम का एक फोटो नाईट गाउन में हो जाए,
पति ने सर खुजाया,
शर्माते हुए बताया,
सोते समय मेडम साड़ी में होती हैं.
हर व्यक्ति कवि है. अक्सर यह कवि कानों में फुसफुसाता है. कुछ सुनते हैं, कुछ नहीं सुनते. जो सुनते हैं वह शब्द दे देते हैं इस फुसफुसाहट को. एक और पुष्प खिल जाता है काव्य कुञ्ज में.
दैनिक प्रार्थना
हमारे मन में सबके प्रति प्रेम, सहानुभूति, मित्रता और शांतिपूर्वक साथ रहने का भाव हो
दैनिक प्रार्थना
है आद्य्शक्ति, जगत्जन्नी, कल्याणकारिणी, विघ्न्हारिणी माँ,
सब पर कृपा करो, दया करो, कुशल-मंगल करो,
सब सुखी हों, स्वस्थ हों, सानंद हों, दीर्घायु हों,
सबके मन में संतोष हो, परोपकार की भावना हो,
आपके चरणों में सब की भक्ति बनी रहे,
सबके मन में एक दूसरे के प्रति प्रेम भाव हो,
सहानुभूति की भावना हो, आदर की भावना हो,
मिल-जुल कर शान्ति पूर्वक एक साथ रहने की भावना हो,
माँ सबके मन में निवास करो.
सब पर कृपा करो, दया करो, कुशल-मंगल करो,
सब सुखी हों, स्वस्थ हों, सानंद हों, दीर्घायु हों,
सबके मन में संतोष हो, परोपकार की भावना हो,
आपके चरणों में सब की भक्ति बनी रहे,
सबके मन में एक दूसरे के प्रति प्रेम भाव हो,
सहानुभूति की भावना हो, आदर की भावना हो,
मिल-जुल कर शान्ति पूर्वक एक साथ रहने की भावना हो,
माँ सबके मन में निवास करो.
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5 comments:
aaj khulkar hansne ka man kar raha hai.
sundar, or mazedaar..
सुरेश जी एक हमारी भाभी हे( मुह्हले दारी मे)लगता हे आप ने उनकी आंखो देखी बात यहा लिख दी हे, मुह्हले मे जब भी कोई सब्जी बाला आता हे तो हम उम्र महिलये उन्हे कहती हे ** तेरा यार आ गया** बाकी रात को कभी देखा नही केसे सोती हे...
मजा आ गया आप का लेख पढ कर धन्यवाद
Bahut badhiya ....
Wah, I salute the madam.
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