कुछ स्थानीय मुसलमान अभी भी इन आतंकवादियों के छलाबे में आ रहे हैं. एक मकान में कुछ लोग आ कर रहते हैं पर मकान मालिक पुलिस से सत्यापन नहीं कराते. मोहल्ले के लोग उन के बारे में पुलिस को सूचित नहीं करते. क्या यह लोग नहीं जानते कि इस तरह के लोगों के बारे में कानूनन उन्हें पुलिस को सूचना देनी है? जैसे ही पुलिस किसी मुस्लिम बहुल इलाके में कोई कार्यवाही करती है यह लोग चिल्लाने लगते हैं और मीडिया इस आग में घी डालता है. क्या इन मुस्लिम बहुल इलाकों पर देश का कानून लागू नहीं होता? क्या पुलिस को इन इलाकों में घुसने से पहले इन लोगों की इजाजत लेनी होगी? और जब कि कुछ ही दिन पहले शहर में बम धमाकों में कितने निर्दोष नागरिकों की जान गई है. इस देश के मुसलमानों को इन आतंकवादियों से ख़ुद को बचाना चाहिए. यह आतंकवादी मुसलमान नहीं हैं, यह इस्लाम के दुश्मन हैं. यह अल्लाह के बन्दे नहीं हैं. यह शैतान के बन्दे हैं. एक सच्चे मुसलमान को इनसे कोई ताल्लुक नहीं रखना चाहिए. एक सच्चे मुसलमान को खुल कर आतंकवादियों की निंदा करनी चाहिए, उन का विरोध करना चाहिए.
इस देश के नागरिक और पुलिस मुसलमानों के दुश्मन नहीं हें। इस्लाम के नाम पर हत्याएं करने वाले यह आतंकवादी मुसलमानों के दुश्मन हें। भारतीय मुसलमानों को इस मसले पर पुलिस पर शक की ऊँगली नहीं उठानी चाहिए। दिल्ली में जिन्होनें बम धमाके किए उनकी निंदा करो। इंसपेक्टर शर्मा की शहादत पर सहानुभूति के दो शब्द कहो। इस से इन आतंकवादियों का मनोबल टूटेगा। हिन्दुओ और मुसलमानों के बीच भरोसा मजबूत होगा। यह समय की मांग है। यह मुल्क हिंदू और मुसलमान दोनों का है। दोनों को यहाँ रहना है। आतंकवादियों का न कोई मजहब है और न कोई मुल्क। यह तो कत्ल करेंगे और भाग जायेंगे। हम सब को तो यहीं रहना है।
हर व्यक्ति कवि है. अक्सर यह कवि कानों में फुसफुसाता है. कुछ सुनते हैं, कुछ नहीं सुनते. जो सुनते हैं वह शब्द दे देते हैं इस फुसफुसाहट को. एक और पुष्प खिल जाता है काव्य कुञ्ज में.
दैनिक प्रार्थना
हमारे मन में सबके प्रति प्रेम, सहानुभूति, मित्रता और शांतिपूर्वक साथ रहने का भाव हो
दैनिक प्रार्थना
है आद्य्शक्ति, जगत्जन्नी, कल्याणकारिणी, विघ्न्हारिणी माँ,
सब पर कृपा करो, दया करो, कुशल-मंगल करो,
सब सुखी हों, स्वस्थ हों, सानंद हों, दीर्घायु हों,
सबके मन में संतोष हो, परोपकार की भावना हो,
आपके चरणों में सब की भक्ति बनी रहे,
सबके मन में एक दूसरे के प्रति प्रेम भाव हो,
सहानुभूति की भावना हो, आदर की भावना हो,
मिल-जुल कर शान्ति पूर्वक एक साथ रहने की भावना हो,
माँ सबके मन में निवास करो.
सब पर कृपा करो, दया करो, कुशल-मंगल करो,
सब सुखी हों, स्वस्थ हों, सानंद हों, दीर्घायु हों,
सबके मन में संतोष हो, परोपकार की भावना हो,
आपके चरणों में सब की भक्ति बनी रहे,
सबके मन में एक दूसरे के प्रति प्रेम भाव हो,
सहानुभूति की भावना हो, आदर की भावना हो,
मिल-जुल कर शान्ति पूर्वक एक साथ रहने की भावना हो,
माँ सबके मन में निवास करो.
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3 comments:
ekdam sahi kaha aapne..............................agar hamare police jawanon ne apna lahu na bahaya hota,sharmaji ne apni jaan na di hoti toh aaj hamare kuchh medea wale bhi ancounter par sawal utha rahe hote.
सही कह रहे हैं.
सुरेश जी आप ने एक दम सही तस्वीर उतारी हे, आम मुस्लिम भी एक भारतीया हे, ओर उसे भी सही ओर सच्चे मन से कनुन का ख्याल रखना चाहिये ओर खाम्खा के झगडो से बचना चाहिये.... ओर जिस देश का भी नागरिक हे उसे उस देश के पर्ति वफ़ा दार रहना चाहिये.
धन्यवाद
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