दैनिक प्रार्थना

हमारे मन में सबके प्रति प्रेम, सहानुभूति, मित्रता और शांतिपूर्वक साथ रहने का भाव हो


दैनिक प्रार्थना

है आद्य्शक्ति, जगत्जन्नी, कल्याणकारिणी, विघ्न्हारिणी माँ,
सब पर कृपा करो, दया करो, कुशल-मंगल करो,
सब सुखी हों, स्वस्थ हों, सानंद हों, दीर्घायु हों,
सबके मन में संतोष हो, परोपकार की भावना हो,
आपके चरणों में सब की भक्ति बनी रहे,
सबके मन में एक दूसरे के प्रति प्रेम भाव हो,
सहानुभूति की भावना हो, आदर की भावना हो,
मिल-जुल कर शान्ति पूर्वक एक साथ रहने की भावना हो,
माँ सबके मन में निवास करो.

Tuesday, 25 January 2011

फांसी पर लटका गणतंत्र !!!

गणतंत्र दिवस की शुभकामनाएं दूं,
या शोक प्रकट करूं?
राजतन्त्र और परिवारतंत्र,
धकेल रहा है गणतंत्र को,
एक गहरी, अँधेरी खाई में,
छटपटा रहा है गणतंत्र,
सांस रुक गई है उस की,
भ्रष्टाचार का पोषण,
ईमानदारी का शोषण,
हिंसा का तांडव,
अहिंसा सर छुपाये डरी-डरी,
चंद वोटों के लिए,
नफरत फैलाते राक्षस,
पुलिस की छत्रछाया में,
नारी को अपमानित करते लम्पट,
टूटते परिवार, सामजिक मर्यादाएं,
प्रदूषित होते मानवीय सम्बन्ध,
हे मेरे देशवासियों,
तुम ही मार्ग दर्शन करो,
किस बात की वधाई दूं,
इस २६ जनवरी को?

1 comment:

भारतीय नागरिक - Indian Citizen said...

उम्मीद ही है कुछ अच्छा होने की.