ऐसा क्यों होता है?
जिस के अधिकार जितने ज्यादा,
उतनी ही कम जवाबदेही,
प्रधानमंत्री अधिकार का मूर्तरूप हैं,
पर जवाबदेही में निराकार हैं,
कीमतें कम नहीं कर पाए,
कह दिया मैं ज्योतिषी नहीं हूँ,
बात ख़त्म हो गई,
आतंक समाप्त नहीं कर पाए,
कह दिया कुछ समस्याएं हैं,
बात ख़त्म हो गई,
भ्रष्टाचार इतना बढ़ गया है कि,
आम आदमी की जिंदगी नर्क हो गई है,
प्रधानमंत्री चाहते हैं,
लोग उन्हें सीजर की पत्नी मान लें.
हर व्यक्ति कवि है. अक्सर यह कवि कानों में फुसफुसाता है. कुछ सुनते हैं, कुछ नहीं सुनते. जो सुनते हैं वह शब्द दे देते हैं इस फुसफुसाहट को. एक और पुष्प खिल जाता है काव्य कुञ्ज में.
दैनिक प्रार्थना
हमारे मन में सबके प्रति प्रेम, सहानुभूति, मित्रता और शांतिपूर्वक साथ रहने का भाव हो
दैनिक प्रार्थना
है आद्य्शक्ति, जगत्जन्नी, कल्याणकारिणी, विघ्न्हारिणी माँ,
सब पर कृपा करो, दया करो, कुशल-मंगल करो,
सब सुखी हों, स्वस्थ हों, सानंद हों, दीर्घायु हों,
सबके मन में संतोष हो, परोपकार की भावना हो,
आपके चरणों में सब की भक्ति बनी रहे,
सबके मन में एक दूसरे के प्रति प्रेम भाव हो,
सहानुभूति की भावना हो, आदर की भावना हो,
मिल-जुल कर शान्ति पूर्वक एक साथ रहने की भावना हो,
माँ सबके मन में निवास करो.
सब पर कृपा करो, दया करो, कुशल-मंगल करो,
सब सुखी हों, स्वस्थ हों, सानंद हों, दीर्घायु हों,
सबके मन में संतोष हो, परोपकार की भावना हो,
आपके चरणों में सब की भक्ति बनी रहे,
सबके मन में एक दूसरे के प्रति प्रेम भाव हो,
सहानुभूति की भावना हो, आदर की भावना हो,
मिल-जुल कर शान्ति पूर्वक एक साथ रहने की भावना हो,
माँ सबके मन में निवास करो.
Thursday 20 January, 2011
अधिकार और जवाबदेही
Labels:
accountability,
astrologer,
corruption,
Kavya Kunj Blog,
PM,
pradhanmantri,
price rise,
rights,
terrorism
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
1 comment:
सही कहा, एकदम ठीक ..
Post a Comment