सरकारी जमीन पर,
जहाँ बनना था सामुदायिक केंद्र,
वहाँ बना दी मस्जिद,
अवैध तरीके अपना कर,
कुछ लोग गए अदालत में,
'गिरा दो', अदालत ने आदेश दिया,
डीडीए ने अवैध मस्जिद गिरा दी.
ईमाम साहब भड़क उठे,
लोगों को भड़का दिया,
वह दंगे पर उतर आये,
कारों, बसों, की तोड़-फोड़ हुई,
मुख्य मंत्री दौड़ी गईं इमाम के पास,
वचन दिया, फिर बनेगी मस्जिद,
नमाज पढो वहां, इजाजत दी,
अदालत, यह क्या होती है?
अदालत का आदेश, यह क्या होता है?
मैं, मेरी पार्टी, मेरी सरकार,
सब धर्म निरपेक्ष हैं.
मेला लग गया,
इमाम के दरबार में,
पहले मुलायम हाजिर हुए,
फिर अमर और जयप्रदा,
गृह मंत्री, नगर विकास मंत्री,
उन्होंने भेजे नुमाइंदे,
एक बेचारी अकेली,
मुस्लिम वोटों की दुल्हन,
किस के गले में डाले,
वोटों की वरमाला?
हर व्यक्ति कवि है. अक्सर यह कवि कानों में फुसफुसाता है. कुछ सुनते हैं, कुछ नहीं सुनते. जो सुनते हैं वह शब्द दे देते हैं इस फुसफुसाहट को. एक और पुष्प खिल जाता है काव्य कुञ्ज में.
दैनिक प्रार्थना
हमारे मन में सबके प्रति प्रेम, सहानुभूति, मित्रता और शांतिपूर्वक साथ रहने का भाव हो
दैनिक प्रार्थना
है आद्य्शक्ति, जगत्जन्नी, कल्याणकारिणी, विघ्न्हारिणी माँ,
सब पर कृपा करो, दया करो, कुशल-मंगल करो,
सब सुखी हों, स्वस्थ हों, सानंद हों, दीर्घायु हों,
सबके मन में संतोष हो, परोपकार की भावना हो,
आपके चरणों में सब की भक्ति बनी रहे,
सबके मन में एक दूसरे के प्रति प्रेम भाव हो,
सहानुभूति की भावना हो, आदर की भावना हो,
मिल-जुल कर शान्ति पूर्वक एक साथ रहने की भावना हो,
माँ सबके मन में निवास करो.
सब पर कृपा करो, दया करो, कुशल-मंगल करो,
सब सुखी हों, स्वस्थ हों, सानंद हों, दीर्घायु हों,
सबके मन में संतोष हो, परोपकार की भावना हो,
आपके चरणों में सब की भक्ति बनी रहे,
सबके मन में एक दूसरे के प्रति प्रेम भाव हो,
सहानुभूति की भावना हो, आदर की भावना हो,
मिल-जुल कर शान्ति पूर्वक एक साथ रहने की भावना हो,
माँ सबके मन में निवास करो.
Monday, 17 January 2011
मुस्लिम वोटों की दुल्हन
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2 comments:
मन्दिर भी बनेगा क्या दुबारा...
ऐसा लगता नहीं.
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