वह सरकार मैं नहीं हैं,
फ़िर भी छपते हैं उनके फोटो,
सरकारी विज्ञापनों मैं.
उनकी पार्टी के एक नेता ने,
किया खुलासा,
वह सरकार मैं नहीं हैं,
वह ख़ुद ही सरकार हैं.
राष्ट्रपति उनकी,
उपराष्ट्रपति उनके,
प्रधान मंत्री उनके,
देश उनका,
देश की जनता उनकी,
वह सबमें व्याप्त है,
सारा देश और जनता उनमें व्याप्त है.
तिरंगे पर चक्र की जगह,
छापना चाहिए था फोटो उनका,
नोटों पर उनका फोटो,
सिक्कों पर उनका फोटो,
मुहर पर एक शेर की जगह उनका फोटो,
यह सब करके भी देश उनका ऋणी रहेगा,
और आप बात करते हैं विज्ञापनों मैं उनके फोटो की,
हमने शर्म से सर झुका लिया.
हर व्यक्ति कवि है. अक्सर यह कवि कानों में फुसफुसाता है. कुछ सुनते हैं, कुछ नहीं सुनते. जो सुनते हैं वह शब्द दे देते हैं इस फुसफुसाहट को. एक और पुष्प खिल जाता है काव्य कुञ्ज में.
दैनिक प्रार्थना
हमारे मन में सबके प्रति प्रेम, सहानुभूति, मित्रता और शांतिपूर्वक साथ रहने का भाव हो
दैनिक प्रार्थना
है आद्य्शक्ति, जगत्जन्नी, कल्याणकारिणी, विघ्न्हारिणी माँ,
सब पर कृपा करो, दया करो, कुशल-मंगल करो,
सब सुखी हों, स्वस्थ हों, सानंद हों, दीर्घायु हों,
सबके मन में संतोष हो, परोपकार की भावना हो,
आपके चरणों में सब की भक्ति बनी रहे,
सबके मन में एक दूसरे के प्रति प्रेम भाव हो,
सहानुभूति की भावना हो, आदर की भावना हो,
मिल-जुल कर शान्ति पूर्वक एक साथ रहने की भावना हो,
माँ सबके मन में निवास करो.
सब पर कृपा करो, दया करो, कुशल-मंगल करो,
सब सुखी हों, स्वस्थ हों, सानंद हों, दीर्घायु हों,
सबके मन में संतोष हो, परोपकार की भावना हो,
आपके चरणों में सब की भक्ति बनी रहे,
सबके मन में एक दूसरे के प्रति प्रेम भाव हो,
सहानुभूति की भावना हो, आदर की भावना हो,
मिल-जुल कर शान्ति पूर्वक एक साथ रहने की भावना हो,
माँ सबके मन में निवास करो.
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