दैनिक प्रार्थना

हमारे मन में सबके प्रति प्रेम, सहानुभूति, मित्रता और शांतिपूर्वक साथ रहने का भाव हो


दैनिक प्रार्थना

है आद्य्शक्ति, जगत्जन्नी, कल्याणकारिणी, विघ्न्हारिणी माँ,
सब पर कृपा करो, दया करो, कुशल-मंगल करो,
सब सुखी हों, स्वस्थ हों, सानंद हों, दीर्घायु हों,
सबके मन में संतोष हो, परोपकार की भावना हो,
आपके चरणों में सब की भक्ति बनी रहे,
सबके मन में एक दूसरे के प्रति प्रेम भाव हो,
सहानुभूति की भावना हो, आदर की भावना हो,
मिल-जुल कर शान्ति पूर्वक एक साथ रहने की भावना हो,
माँ सबके मन में निवास करो.

Sunday 3 January, 2010

उनकी तरक्की पर देश है शर्मसार

मिलिए उन पुलिस वालों से,
रुकावटें डालीं जिन्होनें न्याय के रास्ते में,
जान वूझ कर बरती लापरवाही,
अपना कर्तव्य निभाने में,
दुरूपयोग किया कानून का,
करने को मदद अपराधी पुलिस वाले की,
बदले में मिली तरक्की और सम्मान,
एक कर रहा है जांच सुप्रीम कोर्ट के लिए,
गुजरात के दंगों की,
दूसरा सदस्य है मानवाधिकार आयोग का,
कैसी विडंबना है यह?
जिसने किया मासूम रुचिका के मानवीय अधिकारों का उल्लंघन,
बना बैठा है मानवाधिकार आयोग का सदस्य,
कैसी है यह सरकार?
कैसी है यह न्याय व्यवस्था?
जो सजा देने की जगह,
देती है तरक्की ऐसे लोगों को.

3 comments:

दिनेशराय द्विवेदी said...

न्याय का कोई मार्ग नहीं है। मार्ग पर बहुत झाड़ झंखाड़ हैं। उन्हें उखाड़ना और नयी सड़क बनानी होगी।

नववर्ष पर हार्दिक शुभकामनाएँ!
नया साल जीवन में नई खुशियाँ लाए!

Kajal Kumar's Cartoons काजल कुमार के कार्टून said...

मेरा भारत महान.

भारतीय नागरिक - Indian Citizen said...

ये भारत देश है मेरा,
जहां डाल डाल पर बैठे हैं डाकू और लुटेरा.