बापू का नाम भुनाया तुमने,
आज़ादी से पहले,
आज़ादी के बाद,
अपनी निजी स्वार्थसिद्धि के लिए,
सिर्फ नाम ही भुनाया,
बापू का कोई गुण नहीं अपनाया,
आज भी लगे हो,
बापू का नाम भुनाने में,
करोडों रुपये के विज्ञापन,
अपनी तस्वीरों के साथ,
जरा नहीं शरमाये शामिल करने में,
अपने भ्रष्ट आचार में बापू का नाम,
भ्रष्टाचार में डूबी नरेगा योजना को,
देने चले हो बापू का नाम.
2 comments:
देश के दो लाल...एक सत्य का सिपाही...दूसरा ईमानदारी का पुतला...लेकिन अगर आज गांधी जी होते तो देश की हालत देखकर बस यही कहते...हे राम...दूसरी ओर जय जवान, जय किसान का नारा देने वाले शास्त्री जी भी आज होते तो उन्हें अपना नारा इस रूप मे नज़र आता...सौ मे से 95बेईमान, फिर भी मेरा भारत महान...
बापू का नाम उसी पार्टी ने सब से ज्यादा डुबाया जिसे बापू ने सब से ज्यादा चाहा
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