दैनिक प्रार्थना

हमारे मन में सबके प्रति प्रेम, सहानुभूति, मित्रता और शांतिपूर्वक साथ रहने का भाव हो


दैनिक प्रार्थना

है आद्य्शक्ति, जगत्जन्नी, कल्याणकारिणी, विघ्न्हारिणी माँ,
सब पर कृपा करो, दया करो, कुशल-मंगल करो,
सब सुखी हों, स्वस्थ हों, सानंद हों, दीर्घायु हों,
सबके मन में संतोष हो, परोपकार की भावना हो,
आपके चरणों में सब की भक्ति बनी रहे,
सबके मन में एक दूसरे के प्रति प्रेम भाव हो,
सहानुभूति की भावना हो, आदर की भावना हो,
मिल-जुल कर शान्ति पूर्वक एक साथ रहने की भावना हो,
माँ सबके मन में निवास करो.

Friday, 18 June 2010

क्या आप इसे पार्क कहेंगे?

पार्क यानी उपवन, उद्यान, क्रीड़ावन.
पार्क यानि जमीन का एक हिस्सा उसकी प्राकृतिक अवस्था में
सम्भाल कर रखना; या शहर के बीच जमीन का एक हिस्सा जिसे मनोरंजन के लिए प्रयोग किया जाय.
अब देखिये यह स्लाईड शो - जमीन के इस हिस्से को दिल्ली विकास प्राधिकरण पार्क कहता है. यह फोटो मैंने डीडीए के पश्चिम पूरी स्थित डिस्ट्रिक्ट पार्क में खींचे हैं.


क्या आप इसे पार्क कहेंगे?

4 comments:

Pt. D.K. Sharma "Vatsa" said...

आप ही गलत समझ रहे हैं..दरअसल ये जगह पार्क के लिए नहीं बल्कि "पोर्क" के लिए है :)

मुनीश ( munish ) said...

Thats very shameful on the part of DDA. very filthy place indeed. When nearby Rohini has so many nice parks why can't this area have any ?

भारतीय नागरिक - Indian Citizen said...

बहुत दिनों बाद आप वापस आये. दर-अस्ल यह हम लोगों को हमारी औकात बताने के लिये है..

निर्मला कपिला said...

शर्मा जी सही कह रहे हैं।
आपको जन्म दिन की बहुत बहुत बधाइया।