एक दलित महिला का बलात्कार हुआ,
राजनीतिबाज सक्रिए हो उठे,
मीडिया ने खबर तोड़नी शुरू कर दी,
जिसको जिसमें जैसा फायदा लगा,
उसने वही बात कहनी शुरू कर दी.
बल्लात्कार बन गया एक बिजनेस,
नेता वोट कमाने लगे,
मीडिया रीडरशिप रेटिंग,
सरकार ने कर दी घोषणा,
आर्थिक सहायता की,
सामजिक कार्यकर्त्ता दौड़ पड़े,
कमाने को अपना कमीशन,
मिल कर सरकारी बाबुओं के साथ.
खंडित तन, खंडित मन,
खुद पर ही शर्मसार,
लुटी-पिटी दलित महिला,
बहाती रही आंसू,
अँधेरे कमरे के एक कोने में,
बलात्कारी घूमते रहे सड़कों पर,
सीना ताने, बिना किसी डर के,
किसी और शिकार की तलाश में.
देश की मुखिया एक महिला,
सरकार के मुखिया की मुखिया एक महिला,
प्रदेश की मुखिया एक महिला,
बलात्कार का शिकार एक महिला,
रोती हुई बोली अपने पिता से,
बाबू सरकार ने भी किया बलात्कार मेरा,
कीमत लगा दी मेरी इज्जत की,
कोई फर्क नहीं दिखाई दिया,
मुझमें और एक वैश्या में.
5 comments:
काफ़ी दिनो बाद लिखा आपने लेकिन बहुत ज़ब्र्दस्त लिखा आपने
बहुत ज़ब्र्दस्त
ओह ! बलात्कार की भी श्रेणियां होती हैं !
तीखी बात. लेकिन आप इतने दिनों तक थे कहां.
Sir aapne bahut accha likha hai aisa likhna chaeye lekin ehai samsya hall nahi hogi kiyoki bharat ek aisa desh hai jhna per dalit mahilayo per sadiyo se balatkar hota aaya hai aur es samsya ke liy koi sarkar nahi hall karege ehai samsya khud dalit mahilao ko karni hogi jub tak dalit mahilaye shikhet nahi hoti tab tak es trah ke atachar hote rahege In atyacharo ko khatam karne ke leye dalit mahilaoo ke liye education ki skt jarurat hai ajj ke dour me sabhi dalit shikhchit mahilao ka kartaby hai ki wo uneducated mahilaoo ko prarit kre education ke liye tabhi dalit mahila blatkar se bach sakege
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