दैनिक प्रार्थना

हमारे मन में सबके प्रति प्रेम, सहानुभूति, मित्रता और शांतिपूर्वक साथ रहने का भाव हो


दैनिक प्रार्थना

है आद्य्शक्ति, जगत्जन्नी, कल्याणकारिणी, विघ्न्हारिणी माँ,
सब पर कृपा करो, दया करो, कुशल-मंगल करो,
सब सुखी हों, स्वस्थ हों, सानंद हों, दीर्घायु हों,
सबके मन में संतोष हो, परोपकार की भावना हो,
आपके चरणों में सब की भक्ति बनी रहे,
सबके मन में एक दूसरे के प्रति प्रेम भाव हो,
सहानुभूति की भावना हो, आदर की भावना हो,
मिल-जुल कर शान्ति पूर्वक एक साथ रहने की भावना हो,
माँ सबके मन में निवास करो.

Monday 24 October, 2011

आई दीवाली, आई दीवाली

आई दीवाली, आई दीवाली.

चाची ने घर खूब सजाया,
मम्मी ने भी हाथ बटाया,
मैंने और सिया ने मिल कर,
उनकी हिम्मत खूब बढ़ाई.
आई दीवाली, आई दीवाली,
धन धान्य ले आई दीवाली.

चाचा लाये अनार, फुलझडी,
पापा लाये बिस्कुट मेवे,
दादी लाई मिठाई बताशे,
खील, खिलोने, दीया-बाती,
आई दीवाली, आई दीवाली,
मुहं मीठा कर आई दीवाली.

जय लक्ष्मी माता की जय हो,
जय गणपति वापा की जय हो,
जय सरस्वती माता की जय हो,
जय हो, जय हो, सब की जय हो.
आई दीवाली, आई दीवाली,
रंग-बिरंगी आई दीवाली.

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