दैनिक प्रार्थना

हमारे मन में सबके प्रति प्रेम, सहानुभूति, मित्रता और शांतिपूर्वक साथ रहने का भाव हो


दैनिक प्रार्थना

है आद्य्शक्ति, जगत्जन्नी, कल्याणकारिणी, विघ्न्हारिणी माँ,
सब पर कृपा करो, दया करो, कुशल-मंगल करो,
सब सुखी हों, स्वस्थ हों, सानंद हों, दीर्घायु हों,
सबके मन में संतोष हो, परोपकार की भावना हो,
आपके चरणों में सब की भक्ति बनी रहे,
सबके मन में एक दूसरे के प्रति प्रेम भाव हो,
सहानुभूति की भावना हो, आदर की भावना हो,
मिल-जुल कर शान्ति पूर्वक एक साथ रहने की भावना हो,
माँ सबके मन में निवास करो.

Wednesday 20 May, 2009

भिक्षाम देही

भिक्षाम देही मां,
भिक्षाम देही,
एक अच्छा सा मंत्रालय,
कमाई हो जिस में तगडी,
बनी रहे सर पर यह पगड़ी,
अर्पित है चरणों में तुम्हारे,
चिट्ठी समर्थन की,
भिक्षाम देही मां,
भिक्षाम देही.

2 comments:

Unknown said...

ha ha ha ha
vah vah vah vah

Udan Tashtari said...

कुछ हमारे लिए भी मांग लो..राज्यमंत्री या कोई कार्पोरेशन की अध्यक्षता भी चल जायेगी. :)